शिव दयाल मिश्रादया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान।तुलसी दया न छोडिय़े, जब लग घट में प्राण।।हमारी भारतीय संस्कृति दया, धर्म और कर्म पर आधारित है। यहां जलचर, थलचर और नभचर। तीनों ही तरह के जीवों को प्रकृति से […]

शिव दयाल मिश्राभारतीय संस्कृति में विवाह को सात जन्मों का बंधन माना गया है। कई लोग मनु का विरोध करते हैं, मगर मनु ने ही हमें सभ्यता के साथ जीने का मार्ग बताया है। अगर मनु का विरोध किया जाता […]

शिव दयाल मिश्राखाने में नीम तो कड़वा ही लगेगा, चाहे उसे उपयोग में लेने वाला उसे मीठा होना चाहता हो। मगर यह संभव नहीं है। बीमारी चाहे कितनी ही बड़ी हो अगर हम पुरानी चिकित्सा पद्धति की तरफ देखेंगे तो […]

पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक में अफगानिस्तान के 30 से ज्यादा लोगों की मौत, देखें विडियो…. अफगानिस्तान की तालिबार सरकार का नहीं आया अब तक कोई बयान अफगानिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ सड़कों पर निकले लोग काबुल: पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक […]

शिव दयाल मिश्राइच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प के बूते प्रत्येक मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेता है। मनुष्य अकेला ही जब लक्ष्य प्राप्त कर सकता है तो फिर उसके साथ उसकी टीम हो और उसके फालोअर्स हो तो […]

शिव दयाल मिश्रापता नहीं, कब से इस संसार में खरीदने और बेचने का प्रचलन चला आ रहा है। मगर खरीदने और बेचने की स्थिति-परिस्थिति अवश्य भिन्न-भिन्न होती रही है। खरीद-फरोख्त के प्रचलन से पूर्व दुनिया में मुद्रा अथवा दूसरी कोई […]

शिव दयाल मिश्राशर्म और गर्व शब्दों का अपने आप में बहुत मायने है। मगर समय के साथ-साथ इनके मायने भी बदल गए हैं। पहले कोई भी गलत काम करने पर आदमी को शर्म महसूस होती थी। और… गर्व… गर्व शब्द […]

शिव दयाल मिश्रारोना भी एक कला है। हालांकि बिना रोये भी बहुत कुछ मिलता है। मगर, कहते है कि बिना रोये तो मां भी अपने बच्चे को दूध नहीं पिलाती। ये कहावत उस अबोध बालक के लिए गढ़ी गई थी […]

शिव दयाल मिश्रासन् 2019 के दिसम्बर माह में विश्व में कोरोना ने दस्तक दी थी। इसी कारण कोविड-19 नाम प्रचलन में आया। को- कोरोना, वि- वायरस, ड (डी) दिसम्बर-19 यानि कोविड-19। दिसम्बर 19 से लगातार यह वायरस 20 में चला, […]

शिव दयाल मिश्रासभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आज हम अपना गणतंत्र का 73वां उत्सव मना रहे हैं। हमारे पुरखों की संघर्ष-चेतना के कारण अंगे्रजों को भारत छोडऩा पड़ा था। हर तबके के भारतीय अपने-अपने तरीके से प्रतिरोध करते […]

शिव दयाल मिश्राएक कहावत है जिसे मौके-बे-मौके किसी को भी कहते सुना जा सकता है। रिश्वत भी गिरगिट की तरह रंग बदलती रहती है। समय और परिस्थिति के अनुसार रिश्वत भी रंग बदलती रहती है। रिश्वत को कभी सहायता के […]

शिव दयाल मिश्रापांच राज्यों के चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। पांच राज्यों में दो महीनों तक सियासी घमासान चलने वाला है। घमासान से तात्पर्य है धुंआधार चुनावी प्रचार, जोड़-तोड़, दल-बदल, सेंधमारी आदि। इस चुनावी तौर-तरीकों को चुनाव […]

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