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रेलव किराए की छूट को तरसते ही रह गए बेचारे सीनियर सिटीजंस!

शिव दयाल मिश्राकोरोना काल में रेलवे सेवाओं को बिल्कुल बंद कर दिया गया था। उसके बाद जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होने लगी वैसे-वैसे रेलवे ने...

मैं हिन्दी हूं, मेरी मां संस्कृत मृतप्राय: है, मुझे तो बचालो!

शिव दयाल मिश्राएक तरफ हमारी राष्ट्र भाषा हिन्दी है तो दूसरी तरफ देश में अंग्रेजी का बोलबाला बढ़ता ही जा रहा है। बढ़े भी...

परिंडों के बहाने उमड़ रही जीव दया, बिन पानी सब सून!

शिव दयाल मिश्रादया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान।तुलसी दया न छोडिय़े, जब लग घट में प्राण।।हमारी भारतीय संस्कृति दया, धर्म और कर्म...

प्रेम विवाह पर भारी संस्कारी विवाह!

शिव दयाल मिश्राभारतीय संस्कृति में विवाह को सात जन्मों का बंधन माना गया है। कई लोग मनु का विरोध करते हैं, मगर मनु ने...

कीड़े हमेशा मीठे में ही पड़ते हैं, नमक में नहीं!

शिव दयाल मिश्राखाने में नीम तो कड़वा ही लगेगा, चाहे उसे उपयोग में लेने वाला उसे मीठा होना चाहता हो। मगर यह संभव नहीं...

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