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धरती के भगवानों की जिंदगी का अनदेखा दूसरा पहलू भी है!

डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है और इन्हें धरती का भगवान कहने में कोई अतिशयोक्ति भी नहीं है। जिस प्रकार भगवान दुनिया...

काश! भागवत ‘पंडितों’ के बजाए विद्वान शब्द का प्रयोग कर लेते!

शिव दयाल मिश्राइन दिनों रामचरित मानस की चौपाई पर देशभर में विवाद छिड़ा हुआ है। इससे संत समाज और भगवान श्रीराम के भक्त पहले...

चुनाव लडऩे के लिए कुछ शैक्षिक मानदंड तो हो!

शिव दयाल मिश्रासरकारी महकमों में छोटी से लेकर बड़ी नौकरी के लिए शैक्षणिक मानदंड होते हैं और उनको पार करने के बाद ही उसमें...

न्याय प्रक्रिया पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी ङ्क्षचतित!

न्यायपालिका देश की सर्वोच्च संस्था है। हम सब इस संस्था का सम्मान करते हैं। हमारे देश में बहुत कुछ अच्छा है तो बहुत कुछ...

जन्म दिन की बधाईयों से बदरंग होता शहर!

जिस दिन मनुष्य पृथ्वी पर जन्म लेता है उसी दिन से उसके लिए गीत, बधाईयां, निछावरी, ईनाम, बख्शीश आदि देना प्रारंभ हो जाता है।...

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