बीकानेर: जीवन रक्षा हॉस्पिटल ने कोरोना त्रासदी में भी नही बख्शा मरीजों को! कोविड प्रोटोकॉल व मैनेजमेंट जीरो लेवल का! क्या होगी कार्यवाही??
-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता । विश्वरूपी कोविड माहमारी से जंहा देश जूझ रहा है रोजाना लाखों की तादाद में कोरोना संक्रमित रिपोर्ट हो रहे हैं । तो वंही इस संकट के दौर में हेल्थ सेक्टर में मानों सुनामी सी आ गई है । सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटलों को कोविड के मरीजों का इलाज करने के लिए निर्धारित मापदंड व तय गाइडलाइन में इसके निर्देश दे रखे हैं, लेकिन इन तमाम प्रशासनिक बंदोबस्त के बीच बीकानेर की जीवन रक्षा हॉस्पिटल का लूट खसोट करने वाला चेहरा जनता के सामने अभी दो दिन पहले ही आया है । कहने को तो ये नाम से जीवन रक्षा हॉस्पिटल है लेकिन जिस तरीके से अभी दो दिन पहले कलेक्टर द्वारा गठित जिला स्तरीय टीम की आकस्मिक छापेमारी के दौरान जो तस्वीर सामने आई उससे इस हॉस्पिटल का काला सच खुल गया जिस पर जिला कलेक्टर ने आपातकालीन जैसी विकट परिस्थितियों में हेल्थ के नाम पर लूट-खसोट व अनिमियताओं को लेकर जीवन रक्षा हॉस्पिटल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई और हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दो दिन में स्पष्टीकरण के लिए निर्देश दिए हैं। बता दे, कोरोनाकाल के त्रासदी के समय मे एक और जंहा रोटी के लाले पड़ रहे हैं तो वंही दूसरी और जीवन रक्षा हॉस्पिटल कोविड के भर्ती मरीजों को बिना आवश्यकता के ऑक्सीजन लगाकर मोटी कमाई करने में लगा है जबकि अभी ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिल रही है । कलेक्टर द्वारा गठित जिला स्तरीय टीम की आकस्मिक छापेमारी में इस हॉस्पिटल की कई और परते खुली है ।
पाई गई यह अनियमितताएं : जिला स्तरीय गठित टीम की आकस्मिक छापेमारी दौरान पाया गया कि भर्ती मरीजों में से 20 मरीजों का ऑक्सीजन सैचुरेशन सही था। फिर भी उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा था। इस प्रकार वर्तमान परिस्थितियों में जीवन रक्षा के महत्वपूर्ण स्त्रोत का दुरूपयोग पाया गया। कोविड वार्ड में पॉजिटिव मरीजों के पास उनके रिश्तेदार व स्टाफ बिना मास्क एवं बिना पीपीई किट पहने परिसर में आ-जा रहे थे, जो कि राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। अस्पताल में 2 बीएचएमएस और एक एमबीबीएस डाॅक्टर मिले, जो कोविड मैनेजमेंट और आईसीयू मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से सक्षम नहीं थे। इसके अतिरिक्त हॉस्पिटल में कोविड इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक राशि वसूल किए जाने की भी शिकायत भी प्राप्त हुई। जिला कलेक्टर ने इन सभी अनियमितताओं के मद्देनजर जीवन रक्षा हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर दो दिन में स्पष्टीकरण देने के लिए निर्देश दिए। दो दिन का समय बुधवार को पूरा हो गया, ऐसे में देखना होगा कि लापरवाह हॉस्पिटल प्रशासन अपने इस लूट खसोट वाली बदइंतजामी पर क्या लीपापोती करता है और जिला प्रशासन को नोटिस का क्या जवाब देता है,यह देखने वाली बात होगी । उल्लेखनीय है, जिला कलेक्टर नमित मेहता ऑक्सीजन व अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनिटरिंग खुद दिन रात कर रहे है और इन सब मेहनत पर जीवन रक्षा हॉस्पिटल खुलेआम पानी फेर रहा है ऐसे में उम्मीद ही नही विश्वास है कि इस हॉस्पिटल की अव्यवस्था पर कलेक्टर मेहता कड़ा एक्शन लेंगे ।
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