बीकानेर@जागरूक जनता। संभाग का सबसे बड़ा पीबीएम अस्पताल अक्सर किसी ना किसी लापरवाही के कारण से चर्चा में रहा है। यंहा की सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताकर एक अजीबोगरीब दिलचस्प मामला सुर्खियों में बना हुआ है। जिसका ताजा मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार पीबीएम चिकित्सालय की वार्ड में बच्चों की जांच करते हुए एक फर्जी डॉक्टर को स्टाफ ने पकड़ लिया। बाद में बता चला कि यह युवक खुद मानसिक रोगी है।
पीबीएम में यहां एक युुवक एम द्वितीय वार्ड में भर्ती शिशुओं का स्वास्थ्य जांच करने लगा वहां मौजूद स्टाफ व भर्ती बच्चों के परिजनों ने पूछा तो उसने स्वयं को चिकित्सक बताया। जब वहां ड्यूटी स्टाफ व परिजनों ने उसे डिटेल पूछी तो वह हड़बड़ा गया। इसके बाद वहां हंगामा मच गया। युवक ने भागने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया। बाद में युवक को पीबीएम पुलिस चौकी के सुपुर्द कर दिया। सुरक्षा अधिकारी प्रमोदसिंह ने बताया कि युवक को सुरक्षाकर्मी विजय सिंह व लक्ष्मणसिंह ने पकड़ लिया। युवक को पकड़ कर पीबीएम पुलिस चौकी ले गए। लेकिन वहां उसकी तलाशी लेने पर जेब से दम्माणी अस्पताल की पर्चिया मिली जो उसके खुद की थी उसका मानसिक रोग का इलाज चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार यह मरीज श्रीडूंगरगढ़ निवासी प्रदीप ब्राह्मण है। उसका दम्माणी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि यह मरीज पिछले कई दिनों से खुजली रोग से खासा परेशान भी था। इसी के चलते वह शिशु वार्ड में पहुंच गया। जहां पीबीएम के स्टाफ ने फर्जी स्टाफ या अन्य दूसरी आशंका के चलते पकडक़र उसको पुलिस के हवाले कर दिया। वंही इस मामले का पटाक्षेप होने के बाद पीबीएम प्रशासन ने राहत की सांस ली है। वंही इस घटना के बाद पीबीएम की सुरक्षा व्यवस्था पर एकबार फिर से सवाल उठने शुरू हो गए है । कि आखिर वार्ड में जब कथित मानसिक रोगी डॉक्टर बनकर घुसा तो वंहा मौजूद सुरक्षा स्टाफ कंहा था। खैर पीबीएम प्रशासन को इस लापरवाही से सबक सीखना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति ना हो।
पीबीएम अस्पताल में सामने आया अजीबोगरीब मामला, श्रीडूंगरगढ़ के इस युवक ने वार्ड में मचा दिया हड़कंप
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