बीकानेर। राजस्थान सरकार राजस्थानी भाषा के प्रति बहुत ही सकारात्मक कदम उठा रही है और राजस्थान की जनभावना अनुरूप राजस्थानी के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री जी कोई ठोश कदम उठाएंगे। राजस्थानी मोट्यार परिसद बीकानेर के प्रतिनिधित्व मंडल से रूबरू होते हुए राजस्थान के शिक्षामंत्री बी डी कल्ला ने ये आश्वाशन दिया तथा कहा कि पूरे राजस्थान के किसी भी विधायक द्वारा किसी भी विद्यालय हेतु राजस्थानी विषय की अनुसंशा की जाएगी तो तुरंत उस कार्य पर अमल किया जाएगा।
राजस्थानी भाषा के लिए अभी थोड़े दिन पहले ही विधानसभा में बोलते हुए लगभग सभी विधायकों ने राजभाषा की मांग की थी।
राजस्थानी मोट्यार परिसद के डॉ गौरीशंकर प्रजापत और डॉ हरिराम बिश्नोई के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने कल्ला जी से निम्न 7 बिंदुओं पर चर्चा करते हुए ज्ञापन सौंपा।
(1) राजस्थानी भाषा को राजस्थान की राजभाषा घोषित किया जाए।
(2)राजस्थानी को रीट में शामिल किया जाए।
(3) राजस्थान के नवकर्मोनत विद्यालयो में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू किया जाए।तथा अतिरिक्त विषय के रूप में भी राजस्थानी विषय जोड़ा जाए।
(4) R A S के पेपर में राजस्थानी भाषा का पेपर शामिल किया जाए।
(5) राजस्थानी साहित्य के व्याख्याता पद को भरा जाए।
(6) 12 वी कक्षा के बोर्ड में राजस्थानी विषय शामिल किया जाए।
ज्ञापन में लिखित बिंदुओं पर गौर करते हुए कल्ला ने आश्वस्त करते हुए कहा कि राजस्थानी हमारी मातृभाषा है इसके लिए सरकार हर सम्भव प्रयास करेगी।
प्रशांत जैन,रामावतार उपाध्याय, राजेश चौधरी,भरतदान चारण, विनोद सारस्वत,राकेश बिश्नोई, भगवानाराम, एडवोकेट राजेश कड़वासरा सहित अनेक भाषा हेताळुओ ने शिक्षामंत्री से राजस्थानी भाषा के लिए गुहार लगाई।