जयपुर@जागरूक जनता। राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। राजस्थान वित्त विभाग की ओर से नई और पुरानी पेंशन के आंकड़ों का मिलान करना शुरू कर दिया है। ऐसे में जल्द ही कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा मिल सकता है। गौरतलब है कि गहलोत सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट 2022 23 में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। पुरानी पेंशन योजना लागू होने से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वेतन का करीब करीब आधा हिस्सा बतौर पेंशन के रूप में मिलेगा। पुरानी पेंशन योजना के लागू करने के बाद राज्य सरकार पर सालाना 19000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
आपको बता दें कि वर्तमान में लागू नई पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी के मूल वेतन से 10 फीसदी हिस्सा काटा जाता है। सरकार की ओर से भी इतना ही हिस्सा और मिलाया जाता है। ऐसे में राज्य सरकार पर सालाना औसतन करीब 1900 करोड़ रुपये का भार आता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद सरकारी विभागों में करीब 5।22 लाख कर्मचारी नियोजित हैं। 38000 कर्मचारी ऑटोनोमस संस्थाओं में कार्यरत हैं। वर्तमान में प्रदेश में 459975 पेंशनर्स हैं। इनमें से 1 लाख 50 हजार 586 को पारिवारिक पेंशन मिल रही है।
पूर्व की व्यवस्था के अनुसार 1 अप्रैल 2004 से सरकारी सेवा में आने वाले कर्मचारी और अफसरों को न्यू पेंशन स्कीम में शामिल किया था। कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ के अनुसार, प्रदेश की सरकार में कुल साढ़े सात लाख पद हैं। जिसमें से डेढ़ लाख पद खाली पड़े हैं। मौजूदा कर्मचारियों में करीब तीन लाख कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं। शेष कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम वाले हैं। नई पेंशन स्कीम के तहत जहां कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद उसकी कुल जमा राशि का 60 फीसदी हिस्सा नगद मिलता है। शेष राशि में से उसे पेंशन मिलती है। लेकिन, पुरानी पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी को उसकी पूरी रकम मिलने के बाद उसकी बेसिक सैलरी का करीब 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलेगा।