Delhi Air Pollution शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब इंफोर्समेंट टास्क फोर्स और फ्लांइग स्क्वाड का गठन किया गया है। वहीं दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का हवाला देकर कंस्ट्रक्शन की मंजूरी मांगी है
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ( Delhi Air Pollution ) की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। यही वजह है कि प्रदूषित होती हवा के बीच सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई। इस फटकार के बाद अब केंद्र सरकार हरकत में नजर आई है। केंद्र सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए टास्क फोर्स और फ्लाइंग स्कावड का गठन किया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र को उचित कदम उठाने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाए। इससे पहले केजरीवाल सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट के सख्त लहजे के बाद तुरंत स्कूलों के बंद करने का आदेश जारी कर दिया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकार की तरफ से प्रदूषण से निपटने के लिए इंफोर्समेंट टास्क फोर्स और फ्लांइग स्क्वाड का गठन किया गया है।
टास्क फोर्स कैसे करेगी काम?
मेहता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी के मुताबिक गठित की गई टास्क फोर्स में पांच सदस्य शामिल होंगे। इन सभी सदस्यों को विधायी शक्तियां भी दी गई हैं, ताकि सबंधित निर्णय तुरंत लिए जा सकें। टास्क फोर्स के पास सजा देने और प्रिवेंटिव विधायी शक्तियां भी होंगी।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी
- 17 फ्लाइंग स्क्वाड सीधा इंफोर्समेंट टास्क फोर्स को रिपोर्ट करेगी
- 24 घंटे में फ्लाइंग स्क्वाड की संख्या बढ़ा दी जाएगी
- 40 फ्लाइंग स्क्वाड 5 दिसंबर से हो जाएंगे सक्रीय
- प्रदूषण के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में आने वाले ट्रकों पर रोक जारी रहेगी
- सरकार ने ये भी बताया है कि केवल आवश्यक समान वाले ट्रकों को प्रवेश मिलेगा
- हलफनामे में कहा गया है कि स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर काफी नाराज नजर आया। कोर्ट ने कहा की सरकारें पहले पराली फिर अलग-अलग कारण प्रदूषण बढ़ने के बता रही है, लेकिन इसको नियंत्रित करने को लेकर कोई ठोस उपाय अब तक नजर नहीं आए।
शुक्रवार को सुनवाई से पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने शीर्ष कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के अपने निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए एक इंफोर्समेंट टास्क फोर्स का गठन किया है।
दिल्ली सरकार ने Omicron का हवाला देकर कंस्ट्रक्शन की मांगी मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कंस्ट्रक्शन शुरू करने की मंजूरी मांगी है। इसके पीछे ओमिक्रॉन वैरिएंट को बड़ी वजह बताया है। सरकार ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कुछ पुराने अस्पतालों में बुनियादी ढांचे तैयार करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा सात नए अस्पतालों का भी निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के कारण निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई थी। नए वैरिएंट के खतरे के बीच अस्पतालों स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना जरूरी हो गया है। लिहाजा कंस्ट्रक्शन को मंजूरी दी जाएगा।