चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू का पाकिस्तान पहुंचने पर शाही स्वागत हुआ। उनके पाकिस्तान की धरती पर कदम रखते ही फूलों की वर्षा की गई। इसके बाद वहां करतारपुर साहिब के CEO ने उनका स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से वे सिद्धू को रिसीव करने आए हैं। पूरा पाकिस्तान आपका स्वागत करता है। हम लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। इस पर सिद्धू ने कहा कि इमरान मेरे बड़े भाई हैं। उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया है। इसके बाद माला पहनाकर सिद्धू का स्वागत किया गया।
पहले भी सामने आई नजदीकियां
सिद्धू की पाक पीएम इमरान खान से नजदीकी पहली बार नहीं है। इससे पहले वे इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भी पहुंच गए थे। वहां पर उन्होंने पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा को गले लगा लिया था। इसके बाद वे करतारपुर कॉरिडोर खोलने को लेकर पाकिस्तान में हुए कार्यक्रम में भी हिस्सा लेने गए था। हालांकि सिद्धू ग्रुप इसे क्रिकेट से जोड़ता है कि दोनों ने एक साथ क्रिकेट खेली, इसलिए इस रिश्ते को राजनीतिक या भारत-पाक के बीच के तल्ख रिश्तों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
पहले जत्थे में नहीं रखा सिद्धू का नाम
पंजाब सरकार की तरफ से पहले जत्थे में सीएम चरणजीत चन्नी परिवार, 3 मंत्रियों और कुछ विधायकों के साथ करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते पाक गए थे। तब भी यह सवाल उठा कि सिद्धू को भी उनके साथ जाना चाहिए था। बाद में पता चला कि पंजाब सरकार ने पहले जत्थे की सूची केंद्र को भेजी थी, उसमें सिद्धू का नाम नहीं था। इसको लेकर अंदरखाते संगठन में सरकार के प्रति नाराजगी है।
पाकिस्तान सिद्धू को देता है क्रेडिट
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान हमेशा सिद्धू को क्रेडिट देता रहा है। हाल ही में कॉरिडोर खुला तो पाक सरकार की वेबसाइट में कहा गया कि सिद्धू ने ही पाक पीएम इमरान खान को कॉरिडोर खोलने का आइडिया था, जिसके बाद यह संभव हो सका।
भाजपा नेता ने पूछा : ये रिश्ता क्या कहलाता है
भाजपा नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि जब वे प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के साथ गए तो हमें कोई लेने नहीं आया। इससे समझ आता है कि सिद्धू के रिश्तों में इतनी गर्माहट क्यों है। कांग्रेस के पाक से रिश्ते जगजाहिर हो रहे हैं कि पाकिस्तान से इतनी नजदीकियां क्यों है?। उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू के मन में श्री गुरूनानक देव जी के लिए श्रद्धा और खालसा पंथ के लिए सत्कार है तो वे दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर और कमलनाथ को हटाने की मांग क्यों नहीं करते।