राजस्थान की सरकार में पावर गेम का नया चैप्टर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 3 मंत्रियों गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और रघु शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है, जिसे मंजूर भी कर लिया गया है। इसके साथ ही कल यानी रविवार शाम को मंत्रिमंडल विस्तार किया जाना भी करीब-करीब तय है। गहलोत शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करेंगे।
राजभवन को शपथग्रहण की औपचारिक सूचना दे दी गई है। राजभवन में तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। कोविड के कारण शपथ ग्रहण में ज्यादा भीड़ नहीं की जाएगी। 4 पॉइंट में जानिए पूरा पावर गेम…
- इस्तीफों की वजह क्या
शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने-अपने इस्तीफे भेज दिए। जयपुर पहुंचे प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा, ‘तीनों मंत्री संगठन में काम करना चाहते हैं।’ - अब और किसी मंत्री का इस्तीफा होगा
बताया जा रहा है कि शाम तक और इस्तीफे होंगे, पर यह भी कहा जा रहा है कि अब किसी का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। यह उन मंत्रियों के लिए भी राहत भरी खबर है जिन्हें डर था कि पुनर्गठन में उनका पत्ता भी कट सकता है। - गहलोत के पास अब कितनी पोस्ट वैकेंट
मंत्रियों के इस्तीफे से पहले 9 पद खाली थे, अब 12 हैं। अब मंत्री बनने की आस में कुछ विधायक जयपुर में डेरा डाले हैं। संभव है गहलोत जब अपनी नई टीम का ऐलान करेंगे, तब 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। - पावर बैलेंस किस तरह करेंगे गहलोत
राज्यसभा चुनाव को देखते में हुए सहयोगियों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। सरकार को 13 निर्दलीयों का समर्थन है। बसपा से कांग्रेस में शामिल 6 विधायक भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसके साथ ही सरकार शांति से चले और विरोध मुखर न हो इसलिए पायलट से भी सुलह की कोशिश तेज हो रही है। माना जा रहा है कि शपथ ग्रहण में सहयोगियों के अलावा पायलट खेमे को भी तरजीह दी जाएगी। 3 इस्तीफों के बाद पायलट के करीबी रमेश मीणा, जाहिदा, शकुंतला रावत का नाम मंत्री पद के लिए सुर्खियों में आ गया है।