उदयपुर @ jagruk janta। प्रमुख इतिहासविद् एवं सुखाड़िया विश्व विद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डाॅ. के.एस. गुप्ता ने कहा कि इतिहास वर्तमान का ही नहीं भविष्य का भी मार्गदर्शक है। वे गुरूवार को कस्तूर बाॅ मातृ मंदिर सभागार में डाॅ. अंजना गुर्जरगौड़ के शोध प्रबंध ‘मेवाड़ के इतिहास में गैर-राजपूतों की भूमिका’ का मुख्य अतिथि के रूप में विमोचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में मेवाड़ द्वारा दी गई आहूतियों ने देश में नई ऊर्जा पैदा करने का काम किया।
मुख्य वक्ता इतिहासविद् राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के इतिहास एवं संस्कृति विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. जगदीश भाटी ने कहा कि प्रस्तुत शोध प्रबंध में उन गैर-राजपूत वर्गों के मेवाड़ की स्वतंत्रता, स्वाभिमान और संस्कृति की रक्षा में बड़े योगदान को उजागर किया गया है, जिन्हें तत्कालीन इतिहासकारों ने कुछ ही पंक्तियों में समेट दिया था।
विमोचन समारोह की अध्यक्षता तेज सिंह बान्सी ने की। विष्णु शर्मा हितैषी, डाॅ. जयप्रकाश भाटी, डाॅ. एल.एल. वर्मा, डाॅ मनीष जैन ने भी पुस्तक के सम्बन्ध में विचार व्यक्त किए। आरंभ में लेखिका डाॅ. अंजना गुर्जरगौड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि मेवाड़ की विरोचित परम्पराओं के साथ शोध प्रबंध में गैर-राजपूतों के योगदान को रेखांकित करने का श्रमपूर्वक प्रयास किया गया है। धन्यवाद ज्ञापन शोध प्रबंध के प्रकाशक हरीश आर्य ने किया।
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