प्रतापगढ़ में कवरेज के लिए गए पत्रकारों पर हमले व मारपीट का मामला
जयपुर। जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) ने प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कवरेज के लिए गए पत्रकारों पर हमला और मारपीट करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। जार के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा व प्रदेश महासचिव संजय सैनी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पुलिस महानिदेशक मोहन लाल लाठर को ज्ञापन देकर यह मांग की है। ज्ञापन में बताया कि प्रतापगढ़ जिले के नाकोडा नगर में कोरोना गाइड लाइन व महामारी एक्ट की अवहेलना करते हुए एक कोचिंग सेंटर में छात्रों को पढ़ाई के लिए बुलाने की सूचना मिलने पर जिले के जी-न्यूज, न्यूज 18, साधना न्यूज चैनल समेत अन्य समाचार पत्रों के पत्रकार मौके पर गए तो वहां कोचिंग सेंटर के बाहर संचालिका प्रीति कुमावत, मुकेश कुमावत व अन्य आरोपियों ने कवरेज कर रहे पत्रकार विवेक उपाध्याय, चंचल सनाढ्य, तेजकरण राठौड़ आदि पर हमला कर दिया और उनके साथ मारपीट की। पत्रकारों के कैमरे, मोबाइल छीनने का प्रयास किया गया। साथ ही जान से मारने और झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। इस पर पत्रकारों ने तुरंत ही कोतवाली थाने में जाकर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया और घटना से संबंधित वीडियो फुटेज व फोटोज दिए। मामला दर्ज करवाए जाने की सूचना मिलने पर कोचिंग सेंटर संचालिका प्रीति कुमावत ने भी पत्रकारों पर लज्जा भंग करने का एक झूठा मामला दर्ज करवा दिया। पत्रकारों पर दबाव बनाने और अपना अपराध छिपाने के लिए यह झूठा मामला दर्ज करवाया है, जो कि जांच में सामने आ जाएगा। उक्त कोचिंग सेंटर में महामारी एक्ट व कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए कई दिनों से छात्रों को पढ़ाई के लिए बुलाया जा रहा था। कोरोना को देखते हुए सरकार ने सभी तरह के शिक्षण केन्द्रों को बन्द करने के आदेश दे रखे हैं। इसके बावजूद उक्त सेंटर में गैर कानूनी तरीके से पढाई करवाई जा रही थी।
ज्ञापन में बताया कि अपने अपराध को छिपाने के लिए प्रीति कुमावत ने भारत सरकार, आरएनआई नई दिल्ली और राजस्थान सरकार की बिना अनुमति तथा लाइसेंस के गैर पत्रकारों द्वारा संचालित किए जा रहे कुछ यू-ट्यूब चैनल में अनर्गल आरोप लगाकर उक्त वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया है, जो कि एक गैर जमानती अपराध है। ज्ञापन में मांग की गई कि उक्त मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से करवाई जाए और झूठा मामला दर्ज करवाने वाली प्रीति कुमावत के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाए, साथ ही महामारी एक्ट व कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करने, पत्रकारों से मारपीट मामले में भी त्वरित अनुसंधान करके आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। अनर्गल आरोप के वीडियो चलाने वाले यूट्यूब चैनल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए।
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