ईरान में पनप रहे टिडि्डयों के नए समूह, पाकिस्तान के रास्ते जून के अंत तक भारत में कर सकते हैं प्रवेश
जोधपुर। पश्चिमी राजस्थान में एक बार टिड्डी हमले का खतरा मंडरा रहा है। इरान में पाकिस्तान से सटे बॉर्डर के पास टिड्डी के कुछ समूह पनप रहे हैं। इनके इस माह के अंत तक पाकिस्तान में प्रवेश करने की आशंका बताई जा रही है। इसके बाद ये भारत में प्रवेश कर सकते हैं। पिछले लगातार दो सालों से हो रहे टिड्डी हमले में पश्चिमी राजस्थान में फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि इथोपिया व सोमालिया में इन दिनों हो रही बारिश के कारण बड़ी संख्या में टिडि्डयों को पनपने का मौका मिला है। हालांकि अंडों से बाहर निकलते ही इन्हें समाप्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। वहीं दक्षिण-पश्चिमी ईरान में अनुकूल मौसम के बीच बड़ी संख्या में टिडि्डयों ने अंडे दे रखे हैं। इनमें से हॉपर बाहर निकलना शुरू हो गए हैं। इन्हें मारने के लिए ईरान में विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
माानसून में टिडि्डयों के लिए अनुकूल होंगी परस्थितियां
संगठन का मानना है कि इसके बावजूद कुछ युवा टिड्डी समूह पाकिस्तान की तरफ बढ़ जाएंगे। तब तक पाकिस्तान में मानसून भी सक्रिय हो जाएगा। उस समय इनके लिए आगे बढ़ने की सभी परिस्थितियां अनुकूल होगी और ये भारत में प्रवेश कर जाएंगे। जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में पश्चिमी राजस्थान में भी मानसून सक्रिय हो जाएगा। ऐसे में इन्हें पर्याप्त नमी मिलती रहेगी। संगठन ने कहा है कि हालांकि इस बार टिडि्डयों की संख्या गत वर्ष की अपेक्षा काफी कम रहने का अनुमान है। भारत में ये समूह पाकिस्तान से बाड़मेर-जैसलमेर में प्रवेश करती है। दोनों जिलों में प्रशासन ने इनसे निपटने की तैयारियां शुरू कर रखी है।
दो साल से फंसलों को कर रहे तबाह
गत दो वर्ष से पश्चिमी राजस्थान में टिडि्डयों ने जबरदस्त हमला बोला था। लाखों की संख्या में आए टिड्डी समूह ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। इन्हें मारने के लिए पहली बार इंडियन एयरफोर्स तक की मदद लेने की नौबत आ गई थी। बाद में किसानों ने सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला इनका खात्मा किया था। राजस्थान से आगे बढ़े कुछ टिड्डी समूह पूरे देश में फैल गए थे।