नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को और तेज करते हुए अब प्रधानमंत्री जिला लेवल पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस राज्यों के डीएम और अन्य अधिकारियों के साथ कोरोना के हालात पर चर्चा करने और स्थिति का जायजा लेने लिए एक बैठक की। जिलाधिकारियों के साथ इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया कि भले ही कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं लेकिन जब तक छोटे से छोटे स्तर पर भी संक्रमण बना रहेगा तब तक चुनौती भी कायम रहेगी। दस राज्यों के करीब 54 जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सौ वर्ष में सबसे बड़ी आपदा (कोविड) से लड़ाई में आपने उपलब्ध संसाधनों का बेहतरीन उपयोग किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि टीकाकरण की रणनीति को लेकर केंद्र सरकार, राज्यों से मिले सभी सुझावों को आगे बढ़ा रही है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को अगले 15 दिनों की, टीकों की खुराक की सूचना उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में टीकों की आपूर्ति आसान होगी और इससे टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को भी आसान बनाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के जिला अधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों से संवाद कर रहे थे। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में कोविड-19 मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
अधिकारियों से संवाद के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछली महामारियां हों या कोरोना वायरस से पैदा हुई ताजा स्थिति, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ाई के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर नवोन्मेष बहुत ज़रूरी है। ये वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है। या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है। इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक पक्षों से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय से देश में विभिन्न अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की संख्या कम होने लगी है लेकिन जब तक ये संक्रमण छोटे स्तर पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच वायरस के स्वरूपों की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, इससे इस चिंता को गंभीर होने से रोकने में मदद मिली है लेकिन इसके बावजूद सभी को आगे के लिए तैयार रहना ही होगा। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक आपूर्ति हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान टीका की बर्बादी रोकने पर भी जोर दिया और कहा कि एक भी खुराक के व्यर्थ जाने का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। उन्होंने कहा कि इसलिए टीकों की बर्बादी रोकना जरूरी है।