जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने पीबीएम चिकित्सालय को 500 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स देने और एक बड़ा आक्सीजन संयत्र लगाने को कहा

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने पीबीएम चिकित्सालय को 500 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स देने और एक बड़ा आक्सीजन संयत्र लगाने को कहा

जयपुर/बीकानेर@जागरूक जनता। जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बीकानेर में सम्भाग के सबसे बड़े चिकित्सालय के रूप में आस—पास एवं दूरदराज के कई जिलों के कोरोना रोगियों को उपचार की सेवाएं देने वाले पीबीएम हास्पिटल में 500 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स उपलब्ध कराने और यहां पर 500 से 1000 शैयाओं का बड़ा आक्सीजन संयत्र लगाने को कहा है। डॉ. कल्ला ने इस बारे में प्रदेश में कोरोना प्रबंधन सम्बंधी कार्यों और समन्वय की व्यवस्था देख रहे वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोरा से वार्ता की है। उन्होंने बीकानेर के पीबीएम चिकित्सालय को मांग के अनुसार इन संसाधनों की आपूर्ति शीघ्रता से करने की आवश्यकता जताई। 

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने प्रमुख शासन सचिव श्री अरोरा को प्रदेश में कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सम्भागीय मुख्यालयों पर बड़े चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध अस्पतालों में वेंटीलेटर्स की संख्या में वृद्धि का परामर्श भी दिया। डॉ. कल्ला ने बताया कि राज्य में कोरोना की पहली लहर के बाद तमाम चिकित्सालयों में वेंटीलेटर्स और ऑक्सीजन बैड्स की संख्या बढ़ाई गई, जिससे लोगों को फायदा मिला। मगर वर्तमान में दूसरी लहर के कारण संभागों के बड़े चिकित्सा महाविद्यालयों से जुड़े अस्पतालों में आसपास के जिलों से काफी रोगी आ रहे हैं, उनके उपचार के लिए वेंटीलेटर्स की संख्या में इजाफा करने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए सम्भागीय मुख्यालयों पर जयपुर एवं जोधपुर में 500-500, कोटा, अजमेर, बीकानेर एवं उदयपुर में 300-300 वेंटीलेटर्स तथा अन्य मुख्यालयों पर भी वेंटीलेटर्स की संख्या जल्द बढ़ाने को कहा।

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश को समय पर और आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराए जाने से प्रदेश में कोरोना रोगियों के उपचार में कठिनाई को देखते हएु मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा चिकित्सालयों में आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए 50 हजार कंसंट्रेटर्स खरीदने का निर्णय प्रभावी कदम है, इससे राज्य में कोरोना रोगियों के निरोगी होने में मदद मिलेगी।

उन्होंने प्रमुख शासन सचिव श्री अरोरा को परामर्श दिया है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स मेडिकल कॉलेज से सम्बंधित चिकित्सालयों, सैटेलाइट चिकित्सालय और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र) पर उपलब्ध होने से रोगियों के उपचार में और अधिक मदद मिलेगी। डॉ. कल्ला ने कहा कि जिस प्रकार स्वायत्त शासन विभाग ने नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के माध्यम से 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के संयत्र लगाने का निर्णय लिया है, उसी प्रकार जो अन्य स्थान वंचित रह गए हैं और जहां-जहां मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पताल है, वहां 500 से 1000 शैयाओं के लिए ऑक्सीजन संयत्र स्थापित किए जाने चाहिए।

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