ना पढ़ाई, ना क्लास… फिर भी Pass!, कृषि मंत्री ने छापा मारकर किया फर्जीवाड़े का खुलासा।

50 हजार में मिल रही थी फर्स्ट डिवीजन की डिग्री, पढ़ाई बिना परीक्षा और बिना उत्तर लिखे मिल रहा था पास का प्रमाण पत्र

चित्तौड़गढ़ (गंगरार)। जिले की मेवाड़ यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों के घेरे में है। इस बार मामला सीधे फर्जी डिग्रियों के गोरखधंधे से जुड़ा है। मंगलवार को राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने छात्र की शिकायत पर विश्वविद्यालय का औचक निरीक्षण कर तहलका मचा दिया।

मंत्री के पास एक छात्र ने शिकायत की थी कि वह वाणिज्य संकाय का विद्यार्थी है, लेकिन बीकानेर के एक दलाल ने 50 हजार रुपये लेकर उसे मेवाड़ यूनिवर्सिटी में एग्रीकल्चर की डिग्री के लिए भेज दिया। न तो कोई ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई हुई, और न ही कक्षाएं चलीं। सीधे परीक्षा के लिए बुलाया गया, जहां हाथों-हाथ उत्तर पुस्तिकाएं जांची गईं और बिना सही उत्तर दिए ही उसे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर डिग्री थमा दी गई।

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए कृषि मंत्री स्वयं जांच टीम व दस्तावेजों के साथ यूनिवर्सिटी पहुंचे। निरीक्षण के दौरान छात्रों से बातचीत की गई और पीड़ित छात्र स्वतंत्र के बयान लिए गए।

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि यह केवल एग्रीकल्चर ही नहीं, बल्कि हॉर्टिकल्चर और अन्य पाठ्यक्रमों में भी फर्जीवाड़ा चल रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस यूनिवर्सिटी की मान्यता ही नहीं है, ऐसे में दी जा रही डिग्रियां पूरी तरह फर्जी हैं।

उन्होंने कहा— “महाराणा प्रताप के नाम से चल रही यूनिवर्सिटी में इस प्रकार की धोखाधड़ी बेहद निंदनीय है। युवाओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।”

मंत्री ने निर्देश दिए कि कृषि विभाग के माध्यम से एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। साथ ही उन्होंने पूर्व की एसओजी जांच की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। यूनिवर्सिटी में व्याख्याताओं की नियुक्तियों से लेकर अन्य अकादमिक गतिविधियों में भी अनियमितताओं की जांच करवाई जाएगी।

  • इलियास मोहम्मद चित्तौड़गढ़

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