अविकानगर में 63 वे स्थापना दिवस पर आदिवासी किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं चारा मेला आयोजित

टोंक. भा.कृ.अनु.प. -भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसन्धान संस्थान झांसी उत्तरप्रदेश के रीजनल स्टेशन पश्चिमी क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, अविकानगर, टोंक मे झांसी संस्थान का 63 वें स्थपाना दिवस के अवसर पर संस्थान ने ग्राम पंचायत- छारेडा, हापावास, मलवास एवं चूड़ियावास जिला दौसा एवं स्थानीय गावों से पधारे 130 आदिवासी किसानों के लिए किसान वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं चारा मेला का आयोजन किया गया l जिसमे किसानो को डॉ आर. एस भट्ट, विभागाध्यक्ष, पशु पोषण विभाग, CSWRI अविकानगर, डॉ लीलाराम गुर्जर प्रधान वैज्ञानिक, डॉ दुष्यंत शर्मा वैज्ञानिक, डॉ अमर सिंह मीना एवं डॉ हरी सिंह मीना वैज्ञानिक द्वारा पशु पोषण का महत्व, पशुओं में होने वाली बिमारियों के रोकथाम एवं वर्षभर हरा चारा उत्पादन कैसे लिया जा सकता आदि पर विस्तार से संवाद किया गया l

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अरुण कुमार तोमर निदेशक केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर ने किसानो की आय को दोगुनी करने के लिए भेड़, बकरी और खरगोश पालन पर विशेष जोर दिया और बताया की इस कार्य को अब किसान एक उद्यमी के तौर पर अपनाये l जिससे खेती के साथ साथ पशुपालन से पैसे की आमदनी लगातार बनी रहे। इस कार्यक्रम के विशिष्ठ अथिति श्री अमित कुमार चौधरी, उपखंड अधिकारी, (SDM) मालपुरा ने बताया की भारत में पशुओं की दुग्ध एवं मांस उत्पादन क्षमता अन्य देशों की तुलना में ज्यादा कम है जिसको बेहतर चारा एवं पशु पोषण प्रबंधन द्वारा पूरा किया जा सकता है.

संस्थान के द्वारा आदिवासी उप परियोजना के अंतर्गत हर किसान को 10 किलोग्राम खनिज मिश्रण वितरित किया गया, जो की पशु स्वास्थ्य के लिए अति लाभकारी है। कार्यक्रम के समन्यवक डॉ राजेंद्र प्रसाद नागर, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिकारी ने पशुपालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बताते हुए, पशुओं की दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। इसके लिए हरे चारे का उत्पादन और उसके प्रबंधन को सबसे महत्वपूर्ण पहलु बताया। डॉ सीताराम कांटवा, प्रधान वैज्ञानिक ने बताया की पशुओं की दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए एकवर्षीय चारा फसलों के साथ-साथ बहुवर्षीय घासें जैसे बाजार-नेपियर हाइब्रिड की किस्म (IGFRI-6), गिनी घास, त्रिसंकर बाजार, झाडी रिजका एवं सहजन जैसी चारा फसलों का उत्पादन कर हरे चारे की वर्षभर आपूर्ति की जा सकती है। कार्यक्रम मे पधारे किसानो द्वारा चरागाह फार्म के साथ अविकानगर संस्थान के विभिन्न सेक्टर्स का भी भ्रमण किया गया l तथा इस अवसर आयोजित प्रदर्शनी मे भी महिला किसानो ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया l

Date:

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

विधान सभा अध्‍यक्ष श्री देवनानी और मुख्‍यमंत्री श्री शर्मा की मुलाकात

श्री देवनानी ने मुख्‍यमंत्री को भारत विभाजन का दंश...

प्रदेश में डीएपी, एसएसपी व एनपीके बुवाई के लिए पर्याप्तः कृषि विभाग

राज्य सरकार डीएपी आपूर्ति बढाने के लिए निरन्तर प्रयासरत जयपुर।...

आईएचआईटीसी में ज्यादा से ज्यादा कृषकों को दिया जाये प्रशिक्षण: श्री राजन विशाल

जयपुर। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री राजन विशाल...

यूईएम जयपुर ने “अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संस्थान मीट (आईआईआईएम) – सिनर्जी समिट 2024” की मेजबानी की

यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (यूईएम), जयपुर ने संयुक्त...