9वें आयुर्वेद दिवस को “वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार” की थीम पर पूरे देश में मनाया जाएगा

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जयपुर. जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की 100 दिन की उपलब्धियां पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गयाप्रेस वार्ता को कुलपति प्रो. संजीव शर्मा, कुलसचिव प्रोफेसर अनीता शर्मा, उपनिदेशके प्रशासन चंद्रशेखर शर्मा एवं मीडिया प्रभारी डॉ राकेश नगर ने संबोधित किया।

100 दिनों में आयुष मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियाँ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ डोनर समझौता – आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने के लिए आयुष मंत्रालय विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर बड़े स्तर पर कार्य कर रहा है। इस दिशा में 31 जुलाई, 2024 को जिनेवा में आयुष मंत्रालय और WHO के बीच एक डोनर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में बेहतर तरीके से एकीकृत करने और साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा के लिए मजबूत आधार बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वियतनाम के साथ औषधीय पौधों पर समझौता ज्ञापन (MoU) – 1 अगस्त, 2024 को भारत और वियतनाम ने औषधीय पौधों के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य औषधीय पौधों पर शोध, संसाधन और जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

मलेशिया के साथ आयुर्वेद पर ऐतिहासिक समझौता – भारत और मलेशिया ने पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। एवं एक आयुष चेयर के रूप में आयुर्वेद विशेषज्ञ को मलेशिया भेजा गया है. जो मलेशिया की यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद पढ़ाएंगे एवं अनुसन्धान द्वारा मलेशिया में आयुर्वेद व्यापार बढाने कि और कार्य करेंगे.
“वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड” की पहल – 6 अगस्त, 2024 को भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी फार्माकोपिया आयोग (PCIM&H) और भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) ने “वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड” पहल को लागू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य हर्बल दवाओं को मानकीकृत करना है ताकि उनकी प्रभावशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
आयुष चिकित्सा स्टोर – 26 अगस्त, 2024 को श्री प्रतापराव जाधव द्वारा घोषणा कि सरकार हर तहसील स्तर पर आयुष दवाओं के लिए विशेष चिकित्सा स्टोर खोलेगी, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोगों को आयुष चिकित्सा तक आसान पहुंच मिल सके।
1489 एएएम (आयुष) का मूल्यांकन – अस्पताल एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, 1489 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) का मूल्यांकन पूरा हो चुका है और उनमें से 1005 एएएम (आयुष) को आयुष प्रवेश स्तर प्रमाणन (एईएलसी) के लिए प्रमाणित किया गया है. यह कार्य National Ayush Mission में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण कदम है.

प्रमुख अभियानों और पहलों की जानकारी:
“हर घर आयुर्योग” – आयुर्वेद और योग को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य मंत्रालय द्वारा संकल्पना की गई है। इस दिशा में एक बड़े स्तर का अभियान ‘भारत का प्रकृति परीक्षण’ अभियान शुरु किया रहा है। हर घर आयुर्योग अभियान कि रूप रेखा तैयार कर ली गई है तथा साथ ही पूरे देश के आयुर्वेद चिकित्सकों तथा अन्य संसाधनों की संरचना कर ली गई है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष शिविर: हमारा संकल्प था कि देशभर में 10000 आयुष शिविर लगाए जाएं जिसमें वृद्ध लोगों को निःशुल्क परामर्श और पारंपरिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएं। केवल 100 दिनों में 14,692 शिविर लगाए जा चुके हैं ।
आयुष उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना IISc बेंगलुरु, IIT दिल्ली, TMC मुंबई और JNU दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर 6 नए आयुष उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनके लिए ₹52.47 करोड़ की वित्तीय सहायता दी गई है।
आयुष पैकेजों को AB-PMJAY में शामिल करना: आयुष मंत्रालय ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत आयुर्वेदिक पैकेजों को शामिल करने के अन्तिम चरण में है.


अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के फेज II का निर्माणकार्य को पूरा करना: नई दिल्ली में AIIA फेज II का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है, जिसमें 194 बिस्तरों वाला अस्पताल और आयुर्वेदिक खेल चिकित्सा परिसर शामिल हैं। यह संस्थान 17 अक्टूबर 2017 को 2nd आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आपके द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था। अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के आरंभ से ही, संस्थान ने आयुर्वेद के विशेषज्ञता वाले 44 विशेष ओपीडी के माध्यम से 24 लाख से अधिक रोगियों और आईपीडी में लगभग 13,000 रोगियों को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। AIIA एक 200 बिस्तरों वाला अस्पताल है और प्रतिदिन 1800 – 2000 ओपीडी मरीजों को परामर्श प्रदान करता है। एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय universities/institutes के साथ महत्वपूर्ण अनुसन्धान कार्य कर रहा है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, पंचकूला, हरियाणा – यूजी पाठ्यक्रम शुरू हो गए हैं और आगे की प्रगति जारी है|
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के तीन केन्द्रीय संस्थान – ओडिशा, छत्तीसगढ़, और आंध्र प्रदेश में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में 3 केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआईवाईएन) की आधारशिला रखने के लिए आरंभिक प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
स्वच्छता अभियान:
आयुष मंत्रालय ने स्वच्छता अभियान “स्वच्छता ही सेवा” 2024 में सक्रिय भागीदारी निभाई, जिसमें सार्वजनिक स्थानों को साफ-सुथरा बनाने और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया।
अभियान के तीन स्तंभों के अंतर्गत कुल 521 कार्यक्रम बनाए गए हैं:-
1.स्वच्छता में जन भागीदारी – 243
2.स्वच्छता लक्ष्य इकाइयाँ (स्वच्छता लक्षित इकाई) – 93
3.सफाई मित्र सुरक्षा शिविर – 185
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय ने 100 दिनों में जो प्रगति की है, वह देश और दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा के विकास की एक मजबूत नींव रखती है।”
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर की 100 दिनों में उपलब्धियां
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वाूयत्ताप संस्था0 के रूप में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर की 100 दिनों में प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. संजीव शर्मा बतायाः

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में विगत 100 दिनों में आयुर्वेद चिकित्सा का लाभ बड़ी संख्या में आमजन को दिया गया है जिसके अंतर्गत-
OPD में 35,629 नये रोगी ओर 57359 पुराने रोगी कुल 92988 रोगीयों ने स्वास्थ्य परामर्श लिया है।
IPD में 1756 नये रोगी ओर 18624 पुराने रोगी कुल 20380 रोगीयों ने स्वास्थ्य लाभ लिया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे प्रधान कार्यालय जयपुर की संयुक्त अध्यक्षता में 28 अगस्त, बुधवार को आयोजित राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय) जयपुर को वर्ष 2023-2024 के दौरान सरकारी कामकाज में राजभाषा हिंदी का सर्वाधिक उपयोग करने के लिए केन्द्र सरकार के कार्यालय के “क” वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर ’वैजयंती राजभाषा शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र’ देकर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के द्रव्य गुण विज्ञान विभाग द्वारा एक पेड माँ के नाम अभियान के अंतर्गत जग्गा की बावड़ी स्थित धन्वन्तरी उपवन में 1000 फलदार पोधों को लगाकर ‘‘मातृ वन‘‘ की स्थापना की गई। पर्यावरण को स्वच्छ रखने, अधिक से अधिक औषधियों के माध्यम से आमजन को आयुर्वेद चिकित्सा एवं रिसर्च ओर देहदानियों की स्मृति में 20 एकड़ के उपवन में हर्बल गार्डन, ज्योतिषिय गार्डन, महर्षि दधिची गार्डन को बनाया गया है।

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अर्न्तगत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर द्वारा 29 अक्टूबर 2024 को 9वें आयुर्वेद दिवस को “वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार” के रूप में मनाया जायेगा।
आयुर्वेद दिवस के माध्यम से आमजन के स्वास्थ्य के लिये आयुर्वेद चिकित्सा एवं योग की जानकारी देने के लिये विभिन्न स्वास्थ्य एवं जनजागरूकता कार्यक्रमों को किया जा रहा है। कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के अंर्तगत कार्यालय एवं संस्थाओ में 50 से अधिक योगाभ्यास प्रशिक्षण कार्यक्रम किये गये है ओर निःशुल्क आयुर्वेद स्वास्थ्य शिविर भी लगाये गये हैं।
आयुर्वेद दिवस के अंतर्गत देश एवं प्रदेश की विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थी राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में आयुर्वेद चिकित्सा एवं संस्थान द्वारा आमजन के स्वास्थ्य के लिये किये जाने वाले कार्यो एवं संस्थान में शैक्षणिक जानकारी ले रहे है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के शरीर रचना विज्ञान विभाग ने आयुर्वेद चिकित्सा में अध्ययन एवं रिसर्च करने वाले विद्यार्थीयों के लिये महर्षि दधिची देहदान कार्यक्रम के अंर्तगत विगत 100 दिनों में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से 03 देह मिली है। अब तक कुल 30 देह संस्थान को मिल चुकी है।

पोषण माह कार्यक्रम के अंर्तगत विगत 100 दिवस में प्रदेश के विभिन्न गांवो में 7 शिविर लगाये गये है, जिनके अंतर्गत 1850 लाभार्थियों को निःशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा का लाभ दिया गया है।
आयुर्वेद स्वास्थ्य सेंवाओं को जन-जन तक पहुचानें के लिये राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर द्वारा विगत 100 दिनों में चल चिकित्सा शिविर के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न गांवो ओर शहरों में कुल 28 शिविर लगायें गये है। शिविरों के माध्यम से 12098 लोगों को निःशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा परामर्श एवं औषधियां वितरित की गई हैं।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के अंतर्गत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान पंचकूला, हरियाणा को संचालित किया जा रहा है। यहां चिकित्सकों, नर्सिग एवं अन्य पदो पर नियुक्ति कि गई है साथ ही BAMS के प्रथम बैच के अंर्तगत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को अध्ययन करवाया जा रहा है। यह संस्थान 250 बिस्तरों वाले अस्पताल और आयुर्वेद में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के साथ एक शीर्ष स्तरीय शिक्षण और अनुसंधान सुविधा के रूप में कार्य करेगा। वर्तमान में आमजन को आयुर्वेद चिकित्सा का लाभ देने के लिये ओपीड़ी का संचालन किया जा रहा है।
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में नई तकनीक के समावेश से रोगों के निदान के लिये रिसर्च और एकेडमिक को बढ़ावा देने के लिये जापान के सुकुबा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का दौरा किया।
आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से आमजन के मानसिक स्वास्थ्य के लिये राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के अस्पताल में ‘‘मानसिक स्वास्थ्य इकाई” का शुभारम्भ किया गया।

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद आयोग (NCISM) द्वारा वैज्ञानिक लेखन, अनुसंधान अखंडता और प्रकाशन नैतिकता पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में चिकित्सकों, शिक्षकों के लिए 3 दिवसीय पीजी गाइड अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में किया गया।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग द्वारा विभिन्न रोगो का निदान किया जा रहा है। आमजन को पंचकर्म का अधिक से अधिक लाभ देने के लिये ऋतु परिवर्तन के अनुसार निःशुल्क बस्ति कर्म चिकित्सा शिविर ओर विरेचन चिकित्सा कर्म शिविर का आयोजन किया गया है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राईट विषय पर 5 ओर 6 जुलाई को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, प्रमोशन एंड मैनेजमेंट सेल (सीआईपीएएम), डीपीआईआईटी, भारत सरकार, आईपीआर और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सेल के साथ संयुक्त रूप से किया गया।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर द्वारा विगत 100 दिनों में आमजन को आयुर्वेद चिकित्सा का लाभ देने, देश-विदेश से आयुर्वेद में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों एवं संस्थान के चिकित्सकों, शिक्षको के विभिन्न रोगों के निदान में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिये सभी विभागों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सी.एम.ई एवं अन्य कार्येशालाओं, व्याख्यानों का आयोजन किया गया है। आमजन में आयुर्वेद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की जागरूकता के लिये निःशुल्क कैंसर, हदय, मानसिक स्वास्थ्य के साथ विभिन्न रोगो की जागरूकता एंव चिकित्सा के लिये विभिन्न निःशुल्क परामर्श एवं जांच शिविर लगाये हैं।

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