पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि यूपी मदरसा एक्ट धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
UP Madarsa Act: यूपी मदरसा एक्ट 2004 रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक बताया गया था। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी किए हैं।
तीन जजों की बेंच ने कहा, “मदरसा बोर्ड का उद्देश्य और कार्य विनियमन (regulation) से जुड़ा है और इलाहाबाद हाईकोर्ट यह मानने में प्रथम दृष्टया (prima facie) सही नहीं है कि बोर्ड की स्थापना से धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।” पीठ में जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे। यूपी मदरसा एक्ट को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मदरसा बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट का यह अधिकार नहीं बनता है कि वह इस अधिनियम को रद्द करे।