नई दिल्ली। नए संसद भवन का इनॉगरेशन रविवार को होगा। नया भवन देश की विविध संस्कृति से जुड़ा है। इसे बनाने में देश के हर कोने से लाया गया सामान लगाया गया है। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है, तो भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है। वहीं, लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।
इनॉगरेशन कार्यक्रम में शामिल होने और प्रधानमंत्री मोदी को सुनहरा राजदंड (सेंगोल) भेंट करने के लिए चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम के 21 संत चेन्नई से दिल्ली रवाना हो गए हैं। ये संत पीएम मोदी को देने के लिए अपने साथ एक खास तोहफा भी लाए हैं।
नई संसद से जुड़े अपडेट्स…
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘नई संसद की क्या जरूरत थी? पुरानी इमारत ऐतिहासिक थी। मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश का इतिहास बदलकर रख देंगे। ऐसे में आज नीति आयोग की बैठक में भाग लेने और कल संसद के इनॉगरेशन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।’
- गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘नई संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है।’
- नए संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में जेडीयू नेता रविवार को दिनभर उपवास करेंगे।
- डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘ये सपना हमने आज से 35 साल पहले नरसिम्हा राव की सरकार में देखा था। हमने पीएम के साथ नक्शा भी बनाया था। तब हमसे तो हो नहीं पाया, लेकिन अब बना है तो उसका स्वागत करना चाहिए। मैं विपक्ष के बहिष्कार के खिलाफ हूं।’
- नए भवन में त्रिपुरा के बांस की फ्लोरिंग, सीलिंग की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई
- नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है।
भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया।
संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर का
प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से बुलाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।
पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए।
नई संसद का पहला वीडियो जारी हुआ था
नई संसद के इनॉगरेशन में अब एक दिन बचा है। इससे पहले शुक्रवार को पहला वीडियो जारी किया गया था। वीडियो की शुरुआत एंट्री गेट से होती है। फिर गुंबद पर लगा अशोक चिन्ह और बाहरी दीवारें इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा का दृश्य नजर आता है।
लोकसभा और राज्यसभा स्पीकर की सीट के पीछे विशाल अशोक चक्र हैं। लोकसभा के कालीन पर मोरपंख की डिजाइन हैं। ऐसी ही प्रतीकात्मक डिजाइन सदस्यों के डेस्क पर बनी है। हर डेस्क पर स्क्रीन लगी हैं।
पीएम मोदी ने माय संसद माय प्राइड हैश टैग के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा- नई संसद हर भारतीय को गौरवांवित करती है। यह वीडियो संसद की भव्यता को दर्शाता है। लोगों से अपील की कि अपने विचारों और वॉयस ओवर के साथ इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करें। इनमें से कुछ अच्छे वीडियो को वे रीट्वीट करेंगे।