पायलट की पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा शुरू, पोस्टर पर राहुल-प्रियंका नहीं

जयपुर। पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट एक महीने में दूसरी बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। उनकी जनसंघर्ष यात्रा अजमेर से जयपुर चल पड़ी है। वह पेपर लीक मुद्दे और करप्शन के खिलाफ पांच दिन की पदयात्रा निकाल रहे हैं।

अजमेर में जनसभा में उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में करप्शन के मुद्दे पर वसुंधरा राजे को हमने ललकारा था, उसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई। सचिन आज सुबह ट्रेन से अजमेर पहुंचे थे। रेलवे स्टेशन पर उन्होंने कहा कि ये जनसंघर्ष यात्रा जनता के बीच जाने और उनकी बात सुनने की यात्रा है। पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के पोस्टर में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा के फोटो नहीं हैं। पोस्टर में सिर्फ सोनिया गांधी का फोटो है।

जनसभा में पायलट ने कहा कि राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (RPSC) में पेपर लीक हुए। नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया। पहली बार कोई RPSC मेंबर गिरफ्तार हुआ है, लेकिन इसके तार और कहीं तक जुड़े हुए हैं? मैंने जब इस पर सवाल उठाया तो कहा गया कोई नेता, अफसर शामिल नहीं है। जब पिपली के किसी दलाल पर बुलडोजर चल सकता है तो इस RPSC मेंबर कटारा के मकान पर पर बुलडोजर क्यों नहीं चल सकता?

गहलोत साहब ने भी बजरी-शराब माफिया को लेकर भाजपा सरकार पर लगाए थे आरोप
उन्होंने कहा- वसुंधरा राजे के कार्यकाल में लगातार भ्रष्टाचार हुआ। हम लोगों ने वसुंधरा को ललकारा। हमने चैलेंज किया आपके पास बहुमत हो सकता है, आपके पास राज हो सकता है, लेकिन जनता को लूटने का लाइसेंस आपके पास नहीं है। मैंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए राज्य की सरकार पर आरोप लगाए। हमारी पार्टी के तमाम नेताओं ने आरोप लगाए। गहलोत साहब ने आरोप लगाए थे कि बजरी माफिया, शराब माफिया, जमीन माफिया लोगों के बीच में लगातार लूट हुई।

कर्नाटक में 40% की सरकार थी, इसलिए BJP की विदाई तय पायलट ने कहा कि कर्नाटक में 40% की सरकार है, बीजेपी की सरकार को कर्नाटक में हराकर कांग्रेस इसलिए जीत रही है। वहां पर हमने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और कर्नाटक में बीजेपी सरकार की विदाई तय है। समर्थक विधायक पदयात्रा में शामिल नहीं पायलट की राजस्थान लोक सेवा आयोग भवन के बाहर सभा के बाद जनसंघर्ष यात्रा शुरू हो गई। समर्थकों के काफिले के साथ यात्रा जयपुर के लिए चल पड़ी है। इससे पूर्व सचिन जब सभा में पहुंचे तो उनका पुष्कर के पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वागत किया। जनसभा और पदयात्रा में पायलट खेमे के विधायक शामिल नहीं हैं। पिछले महीने जयपुर में हुए अनशन में भी ये विधायक शामिल नहीं हुए थे।

दो दिन पहले की थी घोषणा
पायलट ने दो दिन पहले ही करप्शन के खिलाफ यात्रा की घोषणा की थी। इससे पहले वे जयपुर में बीजेपी राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने के मुद्दे पर एक दिन का अनशन कर चुके हैं। चुनावी साल में कांग्रेस के लिए पर्सेप्शन के मोर्चे पर इसे बड़े संकट के तौर पर देखा जा रहा है।

सरकार को घेरने की रणनीति
पेपरलीक और करप्शन के मुद्दे पर सचिन पायलट राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सामने से सभा करके अपनी यात्रा की शुरुआत करने का फैसला किया है। कई साल बाद यह पहला मौका है जब अपनी ही पार्टी की सरकार के मुद्दों पर कोई नेता इस तरह पदयात्रा निकाल रहा है। पेपरलीक के मुद्दे पर ग्राउंड पर उतरकर जो काम विपक्षी BJP नहीं कर सकी, वह काम अब पायलट ने हाथ में ले लिया है।

पायलट ने अनशन भी 11 अप्रैल को किया, अब यात्रा 11 मई से
सचिन पायलट के साथ 11 के आंकड़े का संयोग चर्चा में है। बीजेपी राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने के मुद्दे पर सचिन ने 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन किया। अब जनसंघर्ष यात्रा की शुरआत भी 11 मई को की जा रही है। पायलट के पिता और दिवंगत वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश पायलट की पुण्यतिथि 11 जून को आती है।

विपक्ष में किसानों के मुद्दे पर पदयात्रा, अब बेरोजगार युवाओं को साधने की तैयारी
सचिन पायलट ने विपक्ष में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए खूब यात्राएं की थीं। पायलट ने किसानों के मुद्दों पर बारां से झालावाड़ तक की पदयात्रा निकाली थी। पायलट अब खुद की पार्टी की सरकार होते हुए भी उसी के खिलाफ पदयात्रा निकाल रहे हैं। विपक्ष की पदयात्रा किसानों के लिए थी, इस बार की यात्रा बेरोजगार युवाओं से जुड़ी है।

पायलट महीने भर से मुखर, सीएम के एक बयान से तल्खी बढ़ी
सचिन पायलट पिछले महीने भर से मुखर हैं। बीजेपी राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने के मुद्दे पर 11 अप्रैल को अनशन कर चुके पायलट हर सप्ताह कोई न कोई बयान दे रहे हैं। पायलट और गहलोत के बीच लडाई अब काफी आगे बढ़ चुकी है। दोनों के बीच तल्खी का लेवल बहुत ऊपर जा चुका है।

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