मेहंदीपुर बालाजी पीठाधीश्वर महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज के सानिध्य  में 108 भागवत कथा की मंगलवार से हरिद्वार गंगा घाट पर शुरुआत

  • विश्व शांति व मानव कल्याण के लिए पहले से चल रही  महा पार्थेश्वर पूजा
  • 108 भागवत कथा से भी गंगा घाट होगा गुंजायमान

प्रदीप बोहरा @ जागरूक जनता। मेंहदीपुर बालाजी हरिद्वार में विश्व सांती व मानव कल्याण के लिए पुरुषोत्तम मास के दौरान धार्मिक कार्यक्रमों का विशेष महत्व होने के कारण बालाजी पीठाधीश्वर भारत गौरव मंहत डॉ. नरेशपुरी महाराज के सानिध्य मे महा पार्थेश्वर पूजा गंगा घाट पर की जा रही है। महा पार्थेश्वर  पूजा के साथ मंगलवार से 108 श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत हो गई है महंत डॉ.नरेश पुरी महाराज ने भागवत कथा का संकल्प पंडितों को किया । हरिद्वार गंगा घाट पर अब महा पार्थेश्वर पूजा के साथ 108 भागवत कथा से गुंजायमान होगा। महंत ने भागवत कथा की पूजा अर्चना कर आरती की वही महंत ने बालाजी जन सेवा शिविर में पंडितों को भोजन कराकर दक्षिणा व वस्त्र भेट भी कीए। गरीबों को भी भोजन प्रसादी व दान पुण्य का कार्यक्रम प्रतिदिन किया जा रहा है।

गौरतलब है  कि बालाजी पीठाधीश्वर महंत डॉ. नरेशपुरी  महाराज द्वारा पुरूषोत्तम मास के चलते अनेकों थार्मिक आयोजन करवा रहे हैं। इसका देश के कोने कोने से मेहंदीपुर बालाजी आने वाले श्रद्धालुओं का विशेष लाभ कल्याण के लिए व विश्व सांती व मानव कल्याण के लिए पूरे अधिक मास हरिद्वार गंगा घाट पर प्रतिदिन विद्वान पंडितों द्वारा विधि विधान से 12 हजार मिट्टी के बने शिवलिंग से पार्थेश्वर की पूजा की जा रही है पूजा अर्चना के बाद मिट्टी के बने  शिवलिंग को  गंगा में विसर्जन कराया जाता है साथ ही  7.50 लाख महामृत्युंजय जप,7 महाशिवपुराण पठन,5 लाख ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप,31 राम रक्षा स्त्रोत पठन,हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पठन, पार्थेश्वर चिंतामणि अनुष्ठान के अंतर्गत यह सभी अनुष्ठान कीए जा रहे हैं भगवान शंकर का गंगा जल से अभिषेक व मंत्र उच्चारण के पाठ से गंगा तट गुंजायमान हो रहा है। अब इन सभी के साथ 108 भागवत कथा से भी गंगा घाट गुंजायमान होगा इस पवित्र महीने में लंगर प्रसादी व मीठे पेयजल के साथ दान पुण्य महंत द्वारा किए जा रहे हैं।

महंत  ने बताया पुरुषोत्तम मास में भागवत कथा का महत्व

भारत गौरव मंहत डॉ.नरेशपुरी महाराज ने कहा श्रीमद्भागवत कथा हमें मोह-माया के बंधन से मुक्त कराती है और बोध कराती है कि किस उद्देश्य के लिए हमारा जन्म हुआ है। जिस भी क्षेत्र में भागवत कथा होती है वहां का वातावरण सकारात्मक रहता है और नकारात्मकता नही रहती। हमारे सभी धर्म शास्त्र, धार्मिक ग्रंथ, भागवत ,रामायण,  आदि मानव को सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए और निरंतर सत्कर्म करने के लिए कहते हैं। धर्म के रास्ते पर चलकर कठिन से कठिन कार्य पूर्ण हो सकते हैं। धार्मिक ग्रंथ के अनुशीलन मात्र से ईश्वर के प्रति श्रद्धा और प्रेम का उदय होता है, भक्ति उत्पन्न होती है। अंत:करण शुद्ध होता है। इसलिए यह एक विलक्षण एवं चिरंजीवी ग्रंथ है।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

विधान सभा अध्‍यक्ष श्री देवनानी और मुख्‍यमंत्री श्री शर्मा की मुलाकात

श्री देवनानी ने मुख्‍यमंत्री को भारत विभाजन का दंश...

प्रदेश में डीएपी, एसएसपी व एनपीके बुवाई के लिए पर्याप्तः कृषि विभाग

राज्य सरकार डीएपी आपूर्ति बढाने के लिए निरन्तर प्रयासरत जयपुर।...

आईएचआईटीसी में ज्यादा से ज्यादा कृषकों को दिया जाये प्रशिक्षण: श्री राजन विशाल

जयपुर। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री राजन विशाल...

यूईएम जयपुर ने “अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संस्थान मीट (आईआईआईएम) – सिनर्जी समिट 2024” की मेजबानी की

यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (यूईएम), जयपुर ने संयुक्त...