प्राकृतिक चिकित्सक डॉ.संजय कुमार बैरवा ने बताया कि दरअसल दुनिया भर के तमाम लोगों को हृदयरोगों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ष 2000 में ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाने की शुरुआत की गई। पहले यह सितम्बर के अंतिम रविवार को मनाया जाता रहा था, लेकिन 2014 से इसे प्रति वर्ष 29 सितम्बर के दिन मनाया जाने लगा। ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (डब्ल्यूएचओ) की भागीदारी से स्वयंसेवी संगठन ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ हर साल ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाता है।
प्राकृतिक चिकित्सक ने बताया इस 2023 वर्ष पर विश्व हृदय दिवस यानी World Heart Day की थीम है –
Use Heart, Know Heart
अर्थात् स्वयं के दिल को ओर अन्य व्यक्ति के दिल/ हृदय को जानने के लिए दिल का उपयोग करें।
यूं तो दिल के उपयोग की बात यहां भौतिक रूप से हृदय के स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर की गई है लेकिन जब बात ‘दिल’ और ‘दिल के रोग’ की हो तो …..और शायरों से बेहतर दिल के हालात से भला कौन वाकिफ़ होगा
हृदय तल में ना होते सपने बस लक्ष्य हृदय के होते अपनें जिनको पूरा करने को हृदय लगा देता है जोर आजमाइ
हृदय आकाश सा निर्मल विस्तृत जिस पर इच्छाओं की परछाई
कीमती समय मे से पल दो पल का समय निकालकर अपने दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का उपयोग करके ह्रदय को स्वस्थ्य रखने का प्रयत्न करें