–नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता। बीकानेर खाकी कप्तान प्रीति चन्द्रा की तेज तर्रार टीम की तत्परता व ईमानदारी से मासूम सी बच्ची को हवस का शिकार बनाने वाले इंसानी भेड़िए 24 वर्षीय प्रेम कुमार पुत्र हरीष कुमार को मृत्यु प्रयन्त आजीवन कारावास की सजा बीकानेर के सेशन न्यायालय ने सुनाई है । आरोपी को गिरफ्तार कर सजा के इस पड़ाव तक पहुंचाने के लिए बीकानेर पुलिस के जाबांज हीरो नयाशहर थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण रहे जिन्होंने आरोपी के गिरफ्तार होने के मात्र दिनों में ही कोर्ट में चालान पेश कर दिया । इस दौरान कोविड-19 संक्रमण होने के बावजूद चारण अपनी ड्यूटी का फर्ज निभाते हुए हर एक पेशी में उपस्थित हुए क्योकि चारण व उनकी टीम का ही उद्देश्य था कि आरोपी को कठोर से कठोर सजा मिल सके ताकि समाज मे फिर से ऐसी कोई हिमाकत ना कर पाए । पुलिस टीम की कड़ी मेहनत,लगन व जोश की बदौलत आरोपी को न्यायालय ने मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । जंहा पहले बीकानेर पुलिस की कार्यशैली को लेकर तरह तरह के सवाल खड़े करने वाले अब इस कार्रवाई के बाद “आमजन में विश्वास अपराधियों में भय” वाली पुलिस की थीम पर विश्वास जताते गुनगुनाते हुए देखे जा सकते है । इस मामले में जिस तरह से बीकानेर पुलिस ने सिंघम वाली भूमिका निभाई है उससे निश्चित तौर खाकी की प्रतिष्ठा आमजन में पहले से भी बेदाग और साफ छवि वाली भूमिका क्रिएट हुई है ।
यह है पूरी घटना
एसपी प्रीति चंद्रा ने बताया बीते माह 6 जनवरी को नयाशहर थाना क्षेत्र के रामपुरा बाईपास इलाके में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा पांच वर्षीय मासूम बालिका को टॉफी के बहाने रेलवे लाइन के किनारे झाडियों में ले जाकर बलात्कार करने की सूचना पुलिस को मिली, जिस पर मौके पर पहुंची नयाशहर पुलिस ने घटनास्थल का मौका मुयायना कर पीड़िता का पीबीएम हॉस्पिटल में मेडीकल बोर्ड से जांच करवाया । घटना को लेकर एएएसपी शैलेन्द्र सिह इन्दोलिया के निर्देशन में सीओ सिटी सुभाष शर्मा के नेतृत्व में अलग अलग टीमें गठित की गई जिसमें नयाशहर थाना, बीछवाल थाना,कोतवाली थाना, कोटगेट थाना,जेएनवीसी थाना, गंगाशहर थाना ,सदर थाना, महिला थाना सहीत साईबर सेल की टीमो को शामिल किया गया । इन टीमों में सीआई, ऊनि, सउनि, एचसी व जवानों सहित तकरीबन 30 जने शामिल थे । इस जंबो ऑपरेशन में अनुसंधान अधिकारी की जिम्मेदारी नयाशहर सीआई गोविंद सिंह चारण को सौंपी गई। घटनास्थल व आसपास के इलाकों में सादा वर्दी में पुलिस की टीमो ने साक्ष्य जुटाए साथ ही सीसीटीवी फुटेज से घटना के समय की रिकॉर्डिंग को बारीकी से खंगाला, लेकिन इन फुटेजों में कोई सफलता नही मिली। इस दौरान घटनास्थल के पास स्थित एक परचून की दुकान पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग मे नाबालिग बच्ची एक जवान उम्र के लड़के के साथ रामपुरा बाईपास से रेल्वे लाईन की तरफ जाती दिखाई दी । इस पर सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए हुलिए के आधार पर इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर मुखबिरों को सक्रिय किया गया । जिसमे आरोपी की पहचान सर्वोदय बस्ती निवासी 24 वर्षीय प्रेम कुमार पुत्र हरीश कुमार के रूप में हुई जिस पर जांच अधिकारी नयाशहर थानाधिकारी गोविंद सिंह ने आरोपी प्रेम कुमार को बापर्दा गिरफ्तार कर मात्र तीन दिनों में आरोपी के खिलाफ धारा 363, 366 ए 376 एबी भादसं 5 एम/ 6 पॉक्सो एक्ट में चालान पेश कर दिया ।
सीआई चारण के हौसले व दृढ़ निश्चय से आरोपी को मिली कठोर सजा
एसपी चंद्रा ने मामले को देखते हुए इस प्रकरण को ऑफिसर स्किम के तहत लेने का निर्णय लिया और नयाशहर थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण को इस प्रकरण में केस अधिकारी नियुक्त किया । इस पर चारण ने अपनी कार्यक्षमता को पूरी निष्ठा के साथ झोंक दिया इस दौरान चारण कोविड-19 के संक्रमण होने के बावजूद कोर्ट की प्रत्येक पेशी पर उपस्थित रहे और कोर्ट की सुनवाई पूरी करवाई, ताकि इस केस पर न्यायालय से पीड़ित पक्ष में राहत वाला फैसला आये । इस दौरान केस ऑफिसर व अनुसंधान अधिकारी गोविन्दसिह चारण सीआई नयाशहर ने सेशन न्यायालय में स्वंय लगातार 2 दिन उपस्थित होकर चार बार अपने बयांन सेशन कोर्ट में दर्ज करवाये और आखिरकार सेशन कोर्ट ने आरोपी को मृत्यु प्रयन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई । बीकानेर में लैगिंक अपराधों के विशेष न्यायालय के सेशन न्यायाधीश देवेन्द्रसिह नागर द्वारा आरोपी प्रेम कुमार को विभिन्न धाराओं में धारा 363 भादस में 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपये का अर्थदण्ड धारा 366 भादस में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपये का अर्थदण्ड व 6 पोक्सो अधिनियम में बचे हुए जीवन की शेष अवधि का कारावास की सजा सुनाई गई। इस केस में विशिष्ट लोक अभियोजक सुभाष साहु द्वारा पैरवी की गई ।
इस टीम ने कोर्ट में पेश किया चालान
गोविन्द सिह पु.नि. नयाशहर थानाधिकारी के नेतृत्व में रामचन्द्र हैडकानि 242, रामनिवास कानि 1394,दिलीप कुमार कानि 1103, सुनिल कानि 819,लालचंद कानि 1327, बलवीसिह कानि 787, सुरेन्द्र कानि 1569 व जेएनवीसी थाने से कपिल सिंवर कानि 1504 आदि शामिल रहे ।