भारजा गांव में देर रात तक चली बैठक, आगामी रणनीति पर हुआ मंथन — ग्रामीण बोले, “धरती नहीं बिकने देंगे”

सिरोही। पिण्डवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजना के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार रात को ग्राम भारजा में ग्रामीणों की एक बड़ी बैठक आयोजित की गई, जिसमें भारजा क्षेत्र के लोग भारी संख्या में शामिल हुए। देर रात तक चली इस बैठक में ग्रामीणों ने एक सुर में खनन परियोजना का विरोध करते हुए आगामी आंदोलन की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि यह खनन परियोजना क्षेत्र की खेती, जलस्रोतों, पहाड़ों और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाएगी। आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र में लोगों की आजीविका और अस्तित्व दोनों पर संकट खड़ा हो जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते इस परियोजना को निरस्त नहीं किया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना था कि वे अपनी धरती और पर्यावरण को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। बैठक में उपस्थित युवाओं और ग्रामीणों ने भी कहा कि वे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।
बैठक में उपस्थित ग्रामीणों ने भाजपा सरकार और जनप्रतिनिधियों से सवाल किया कि जब पूरा क्षेत्र इस परियोजना के खिलाफ है, तो फिर उनकी सहमति के बिना खनन स्वीकृति क्यों दी गई। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन और सरकार ने इस जनभावना को नजरअंदाज किया, तो आने वाले समय में इसका राजनीतिक असर भाजपा को भुगतना पड़ेगा।
ग्रामीणों ने कहा कि यह केवल खनन का मुद्दा नहीं, बल्कि धरती, जल, पर्यावरण और जीवन बचाने का आंदोलन बन चुका है।
जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से पिण्डवाड़ा क्षेत्र के ग्राम वाटेरा, भीमाना, भारजा, रोहिड़ा सहित कई गांवों में लगातार बैठकों का दौर जारी है। हर बैठक में सैकड़ों ग्रामीण जुटकर होकर एक ही मांग कर रहे हैं — “खनन परियोजना रद्द करो।”
ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे 14 अक्टूबर को उपखंड कार्यालय पिण्डवाड़ा का घेराव करेंगे और यह आंदोलन जिलेभर में व्यापक रूप ले लेगा।