तकनीकी शिक्षा में सिरमौर होने के साथ सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति आर ए गुप्ता की अग्रणी भूमिका
जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र से राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रो. आर. ए. गुप्ता ने शनिवार को यहां राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल को प्रो. गुप्ता ने मुलाकात के दौरान राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल राहत कोष के लिए इक्यावन लाख रुपए राशि का चेक सौंपा।
राज्यपाल मिश्र ने राज्यपाल राहत कोष में आर्थिक सहयोग के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के सहयोग से राहत कोष और सशक्त होगा और इससे अधिकाधिक जरूरतमन्दों को लाभान्वित करने में मदद मिलेगी।राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि ऎसे जरूरतमंद लोग जिनको किसी अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध नहीं हो पा रही है, उनको भी इस कोष के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए इसका दायरा व्यापक किया गया है। अन्य स्तरों पर भी पूर्ण पारदर्शिता के साथ पात्र जरूरतमंदों की सहायता के लिए कोष का समुचित सदुपयोग किया गया है।
कुलपति प्रो.आर ए गुप्ता नें कहा कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा द्वारा कोविड महामारी के दौरान जनहित में सामाजिक सरोकार सेवाओं , वैक्सीनेशन तथा अन्य व्यवस्थाओं हेतू गत वर्ष कुल 2 करोड रुपए राशि का प्रावधान किया गया था|जिसके अंतर्गत पूर्व में मुख्यमंत्री राहत कोष में एक करोड़ रुपये का अनुदान वैक्सीनेशन हेतु प्रदान किया गया था तथा मेडिकल कॉलेज कोटा को ऑक्सीजन तथा अन्य छुटपुट व्यवस्थाओं के लिए कुल 50 लाख रुपए का अनुदान दिया गया था।गत वर्ष कोविड महामारी के दौरान अनेकों समस्याओं का सामना करते हुए उनका निराकरण करने हेतु उक्त अनुदान में से शेष अनुदान राशि 51 लाख रुपए का ड्राफ्ट प्रोफेसर आर ए गुप्ता कुलपति द्वारा श्री कलराज मिश्र माननीय राज्यपाल महोदय को सौंप दिया। उक्त अनुदान राशि से आमजन को समस्याओं से निजात प्राप्त हो सकेगी।इस अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर. ए. गुप्ता सहित समस्त विश्वविद्यालय परिवार को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कुलपति प्रो आर.ए.गुप्ता ने कहा की डिग्री प्रदान करने से साथ भी विश्वविद्यालयों के अपने सामजिक दाईत्व भी है, सामाजिक सरोकारों में सक्रियता प्रगतिशील विश्वविद्यालय के पहचान हैं।समय-समय पर आई राष्ट्रिय विपदाओ में विश्वविद्यालयों के भूमिकाओं को रेखांकित किया गया हैं । विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि वे सामाजिक जिम्मेदारियों का बोध करे और उसमे अपना योगदान दें । वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों को एक सशक्त माध्यम के रूप में स्वयं को प्रस्तुत करना होगा । प्रदेश के विश्वविद्यालय मानव सेंवा के कार्य में आगे आए और इस सामाजिक अभियान का हिस्सा बनें । वर्तमान समय में हमें सामाजिक दायित्वों की उपयुक्त नीतियां और सकारात्मक वातावरण बनाकर समाज के प्रति अपने योगदान को समझाना होगा ताकि राजस्थान प्रदेश का उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सामाजिक सामाजिक सेवाओं में अपना योगदान दे सके।