श्रीनगर का लाल चौक तिरंगों से टा, बदल गया कश्मीर, ईद की तरह मना आजादी का जश्न, लाल चौक पर लहराया तिरंगा


करीब 32 साल बाद स्वतंत्रता दिवस पर श्रीनगर के लाल चौक का नजारा देखने वाला रहा। इसके अलावा कश्मीर में भी जश्न ए आजादी धूम रही। आतंकी हमलों की आशंका से बेखौफ कश्मीरी तिरंगा लहराते रहे। बाजारों में काफी चहल पहल रही। तिरंगे के रंग में रंगे श्रीनगर में लोगों का उत्साह भी देखने लायक रहा।

कश्मीर। भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर श्रीनगर का लाल चौक तिरंगों से पटा रहा। कश्मीर से धारा 370 हटने के चार साल बाद कश्मीरी राष्ट्रीय ध्वज लहराते रहे। श्रीनगर के उस घंटाघर पर भी तिरंगा आन बान शान से लहराया, जहां आतंकवादी कभी पाकिस्तानी झंडा लगाने की ख्वाहिश रखते थे। श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह में कश्मीरी उत्साह से शामिल हुए, जहां गवर्नर मनोज सिन्हा ने झंडा फहराया। ऐसा पहली बार हुआ जब लोग लाइन लगकर स्टेडियम में गए। उनमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। स्थानीय लोगों ने कहा कि धारा-370 हटने के बाद से कश्मीर की फिजा बदली हैं, जिसे वह अब महसूस कर रहे हैं।

‘ गर्व का अनुभव कर रहे हैं कश्मीरी ‘
आजादी के मौके पर युवा जोश से तिरंगा लहराते नजर आए। इस सेलिब्रेशन के बीच राजनीति छोड़कर दोबारा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस जॉइन करने वाले शाह फैसल ने एक ट्वीट किया। 2009 के आईएएस टॉपर रहे शाह फैसल ने सर्विस छोड़कर पार्टी बनाई थी। उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब कश्मीरी ईद की तरह 15 अगस्त को सेलिब्रेट कर रहे हैं। कश्मीर आज गर्व का अनुभव कर रहा है। इस बार कश्मीर में एक बदलाव और नजर आया। पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर कश्मीर के कई इलाकों में तिरंगा यात्रा भी निकाली गई। जिस शोपियां में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती थी, वहां लोग भारत माता की जय के नारे भी लगे।

श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में एंट्री के लिए लोग लाइन में लगे रहे। कश्मीर में पहले ऐसा नहीं होता था।श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में एंट्री के लिए लोग लाइन में लगे रहे। कश्मीर में पहले ऐसा नहीं होता था।

90 का दशक, जब तिरंगा फहराना थी चुनौती
90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था। कश्मीर के लाल चौक पर झंडा फहराना भी चुनौती बन गई थी। सुरक्षा के मद्देनजर लाल चौक पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं थी। तब पीएम नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली थी। कन्याकुमारी से निकाली गई तिरंगा एकता यात्रा 35 हजार किलोमीटर चली। 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया गया था। उनकी एकता यात्रा के दौरान आतंकियों ने हमले की धमकी दी।

कश्मीर की महिलाओं ने भी स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत की
कड़ी सुरक्षा के बीच ध्वज फहराने के लिए 15 मिनट का समय दिया गया। आतंकियों ने भारतीय ध्वज को लहराने से रोकने के लिए रॉकेट भी दागे थे, जो निशाने से चूक गए थे। 1992 में कश्मीर में तनाव का आलम यह था कि आतंकियों ने पुलिस मुख्यालय को भी निशाना बनाया था। इस हमले में तत्कालीन डीजीपी जे एन सक्सेना भी जख्मी हो गए थे।


Jagruk Janta

Hindi News Paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

रींगस में हर्षोल्लास के साथ मनाया स्वतंत्रता दिवस समारोह

Tue Aug 15 , 2023
रींगस। कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल स्टेडियम में मंगलवार को 77 वे स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन उपखंड अधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में हुआ, कार्यक्रम में किसान आयोग अध्यक्ष व खंडेला विधायक महादेव सिंह खंडेला मुख्य […]

You May Like

Breaking News