कश्मीर में आतंकियों के हाथ में ऑस्ट्रियाई गन ‘Steyer AUG’ मिलने से सुरक्षा एजेंसियां हैरान, कितनी है ये खतरनाक?

जम्मू-कश्मीर में पिछले एक महीने से आतंकी गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। भारतीय सेना के जवानों ने घुसपैठ की कोशिश में लगे कई आतंकियों को मार गिराया है। इन मारे गए आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा भी मिला है।

जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर दो दिन पहले (18 जुलाई) घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने दो विदेशी आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकियों के पास से हथियारों का जखीरा भी बरामद हुआ था। मारे गए आतंकियों के पास से ऑस्ट्रियाई असॉल्ट राइफल (Steyer AUG) भी बरामद की गई थी। आतंकियों के पास ऑस्ट्रियाई गन के पाए जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी हैरान रह गईं। आतंकियों के पास इस विदेशी गन को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

ऑस्ट्रिया में 1977 में आई ये राइफल

आतंकियों के पास से पाए गए ये हथियार  StG 77 (स्टर्मगेवेहर 77) ऑस्ट्रियाई सशस्त्र बलों द्वारा दिया गया नाम है। ऑस्ट्रियाई देश ने 1977 में  Steyer AUG को अपनाया था। यह ऑस्ट्रियाई सेना को जारी की गई मानक असॉल्ट राइफल है। स्टेयर बुलपप (Bullpup) असॉल्ट राइफल की बराबरी केवल इजरायली निर्मित टैवर असॉल्ट राइफल से ही की जा सकती है।

ओपन-बोल्ट लाइट मशीन गन के रूप में किया गया कॉन्फिगर

टैवर एक गैस-संचालित चुनिंदा-फायर बुलपप (Bullpup) असॉल्ट राइफल है। इसे लॉन्ग-स्ट्रोक पिस्टन सिस्टम के आसपास बनाया गया है। स्टेयर एयूजी को एक मॉड्यूलर हथियार प्रणाली के रूप में डिजाइन किया गया है। इसे जल्दी से एक असॉल्ट राइफल, एक कार्बाइन, एक सबमशीन गन और एक ओपन-बोल्ट लाइट मशीन गन के रूप में कॉन्फिगर किया जा सकता है।

30 राउंड की रहती है मैगजीन

हथियार विशेषज्ञों का कहना है कि टैवर में सेमी-ऑटोमैटिक मोड, बर्स्ट मोड और फुल-ऑटो मोड है। जो मानक 5.56×45 मिमी गोला-बारूद रहता। इसे अमेरिका की एम4 कार्बाइन और ऑस्ट्रिया की स्टेयर की तुलना में अधिक विश्वसनीय और सटीक माना जाता है। टैवर टीएआर-21 में 30 राउंड की मैगजीन होती है।

विदेशी हथियार, सुरक्षा बलों के लिए चुनौतियां

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने वाले सुरक्षा बलों के सामने चुनौतियां बहुत हैं। इसलिए सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार प्रणालियों, कवच-रोधी परिधान और अन्य उपकरणों की नियमित रूप से और लगातार समीक्षा की जाती है।

खड़े हो रहे ये सवाल

इस बीच, आतंकियों के पास विदेशी हथियार मिलने से अब और ज्यादा चिंता का विषय बन गया है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या ये विदेशी हथियार पाकिस्तान सरकार की ओर से लेकर आतंकियों को बॉर्डर में घुसपैठ करने के लिए थमाए जा रहे हैं।

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