नुक्कड़ नाटक नाटक के जरिये कहा ‘महिलाएं मानसिक विकार को छिपाए नहीं, खुलकर बताएं’

महिला परिवार की धुरी है, परंतु उसके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अभी भी बात नहीं की जाती है। आज भी कई तरह की भ्रांतियां हमारे समाज में व्याप्त हैं।

जयपुर। डिसोसिएटिव डिसऑर्डर, प्रसव के बाद होने वाले अवसाद या अत्यधिक उत्तेजना, आत्मघाती विचार, घरेलू हिंसा से अधिकांश महिलाएं जूझ रही हैं। समाज में मानसिक विकार को सिर्फ जागरूकता से ही दूर किया जा सकता हैै। इसी संदेश को छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया।

राजधानी जयपुर में गौतम हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर, मेंटल हेल्थ फाउंडेशन, एमिटी यूनिवर्सिटी एवं रिसर्च एजुकेशन एंड सर्विस ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर नुक्कड़ नाटक ‘महिला एवं मानसिक स्वास्थ्य’ का आयोजन पौंडरिक उद्यान, ब्रह्मपुरी में किया गया।

इस दौरान वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर अनीता गौतम ने बताया कि महिला परिवार की धुरी है, परंतु उसके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अभी भी बात नहीं की जाती है। आज भी कई तरह की भ्रांतियां हमारे समाज में व्याप्त हैं। उन्ही भ्रांतियां को दूर कर मानसिक विकारों के बारे में इस नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया गया है। जैसे डिसोसिएटिव डिसऑर्डर, प्रसव के बाद होने वाले अवसाद या अत्यधिक उत्तेजना, आत्मघाती विचार, घरेलू हिंसा आदि। मानसिक विकार से ग्रस्त मरीज झाड़ फूंक एवं बाबा के पास जाने के बजाय उचित मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक सलाह से ठीक होकर समाज के मुख्य धारा में सम्मिलित हो सकता है।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

पैरा बोसिया जन जागरण अभियान 19 अप्रैल से

जयपुर। पैरा ओलंपिक कमिटी आफ इंडिया और बोसिया फेडरेशन...