सबसे ज्यादा 89 यूनिवर्सिटी हमारे राज्य में फिर भी टॉप-100 में सिर्फ दो, 3380 कॉलेजों में से सिर्फ 1 को टॉप में जगह, ये भी सरकारी नहीं
उदयपुर। देश में सबसे ज्यादा यूनिवर्सिटी होने के बावजूद राजस्थान के कॉलेज और यूनिवर्सिटी NIRF (राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुए हैं। 89 यूनिवर्सिटी हमारे राज्य में हैं। वहीं कॉलेजों के मामले में भी हम देश में चौथे स्थान पर हैं। इसके बावजूद पूरे राजस्थान से सिर्फ एक कॉलेज और दो यूनिवर्सिटी ने NIRF कैटेगरी रैंकिंग के टॉप-100 में जगह बनाई है। राजस्थान में रजिस्टर्ड 3380 कॉलेज हैं। इनमें जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज को जगह मिली है। यह कॉलेज कैटेगरी में 81वीं रैंक पर है।
वहीं देश की सबसे ज्यादा 89 यूनिवर्सिटी राजस्थान में है, मगर इनमें से हर साल की तरह सिर्फ दो यूनिवर्सिटी बिट्स पिलानी और वनस्थली विद्यापीठ ही इस लिस्ट में जगह बना पाए हैं। कॉलेज कैटेगरी में बिट्स को 17वीं और वनस्थली को 35वीं रैंक मिली है। राजस्थान की एक भी सरकारी यूनिवर्सिटी को इस लिस्ट में जगह नहीं मिली है। यहां तक की एक भी गवर्नमेंट सेंट्रल यूनिवर्सिटी या स्टेट यूनिवर्सिटी, एक भी सरकारी कॉलेज टॉप-100 की रैंकिंग में नहीं है।
सबसे ज्यादा तमिलनाडू के संस्थान लिस्ट में
तमिलनाडू की 59 में से 19, महाराष्ट्र की 65 में से 12, कर्नाटक की 69 में से 10, यूपी की 81 में से 7 और दिल्ली की 28 में से 6 यूनिवर्सिटीज टॉप-100 में है। राजस्थान में कुल 3380 कॉलेज में से सिर्फ एक ही इस लिस्ट में शामिल है जबकि तमिलनाडू के 2610 में से 34, दिल्ली के 179 में से 28 कॉलेज इस लिस्ट में हैं।
10 कैटेगरी में रैंक जारी करता है NIRF
NIRF ऑवरआल रैंकिंग के अलावा 10 कैटेगरी में शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी करता है। हर साल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, कॉलेज, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर, डेंटल और रिसर्ज में टॉप-100 रैंकिंग जारी होती है।
रैंकिंग में राजस्थान के इंस्टीट्यूट्स पर एक नजर :
ओवरऑल रैंकिंग में सिर्फ तीन यूनिवर्सिटी : ओवरऑल इंस्टीट्यूट की रैंकिंग में भी राजस्थान से सिर्फ तीन यूनिवर्सिटी जगह बना पाई हैं। इनमें भी बिट्स 29वें, वनस्थली 66वें और एमएनआईटी जयपुर 72वें स्थान पर है।
मैनजमेंट रैंकिंग में सिर्फ तीन संस्थान : मैनेजमेंट रैंकिंग में भी सिर्फ तीन संस्थान IIM उदयपुर 18वें, IIHRM यूनिवर्सिटी जयपुर 73वें और जयपुरिया इंस्टीट्यूट 74वें रैंक पर रहे।
फार्मेसी में भी सिर्फ एक सरकारी संस्थान : रैंकिंग में फार्मेसी कैटेगरी में चार संस्थानों को जगह मिली है। इनमें 3वीं रैंक पर बिट्स, 22वीं पर वनस्थली है। जबकि उदयपुर की सुखाड़िया यूनिवर्सिटी 67वें रैंक पर और जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी 72वें रैंक पर है।
इंजीनियरिंग में 5 संस्थान : इंजीनियरिंग में बिरला इंस्टीट्यूट- 26वीं रैंक, IIT जोधपुर 43 रैंक, एमएनआईटी जयपुर- 37, वनस्थली विद्यापीठ- 67वीं रैंक, मनिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर – 84 वीं रैंक पर हैं।
मेडिकल में सिर्फ AIIMS और SMS : इसी तरह मेडिकल संस्थानों की टॉप-100 रैंकिंग में सिर्फ दो संस्थान 28वीं रैंक पर एम्स जोधपुर और 38वीं रैंक पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर है।
लॉ और रिसर्च में सिर्फ एक, डेंटल और आर्किटेक्चर में कोई नहीं : इसी तरह लॉ और रिसर्च कैटेगरी में सिर्फ एक-एक इंस्टीट्यूट राजस्थान से जगह बना पाए हैं। इनमें लॉ कैटेगरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर आठवें नंबर पर और रिसर्च कैटेगरी में बिट्स पिलानी 36वीं रैंक पर है। डेंटल और आर्किटेक्चर कैटेगरी में राजस्थान से एक भी संस्थान नहीं है।
एक्सपर्ट बोले : उच्च शिक्षा सरकारों की प्राथमिकता में नहीं, इसलिए ये हाल
अकादमिक एक्सपर्ट और रिसर्चर, सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस के पूर्व प्रोफेसर डॉ. संजय लोढ़ा बताते हैं कि राजस्थान की खराब स्थिति के पीछे कई वजहें हैं। संस्थानों में पढ़ाने वाली फैकल्टी नहीं है, अगर है तो क्वालिटी नहीं है। रिसर्च भी काफी कमजोर है। टीचर्स-स्टूडेंट, टीचर्स-स्कॉलर्स अनुपात काफी कम है। रीडिंग रिसोर्सेज भी बेहद कम हैं। यूनिवर्सिटी में कुलपति जो बनाए जाते हैं, वो भी अकादमिक रूप से उतने दक्ष नहीं, कुलपतियों का ध्यान एकेडमिक के बजाय इंफ्रा और दूसरे मसलों पर ज्यादा रहता है। नैक ग्रेडिंग (NAAC) में भी स्थितियां खराब हैं। एकेडमिक लीडरशिप, राजभवन और सरकार के स्तर पर गंभीरता नहीं है। राजभवन और सरकार दोनों की ही प्राथमिकता में उच्च शिक्षा नहीं इसलिए ऐसा है।