जयपुर। कृषि जिंस के मण्डी में बिकने पर तथा मण्डी के बाहर बिकने पर एक जैसी मण्डी फीस तथा कृषक कल्याण फीस लगायी जायें, को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का एक प्रतिनिधिमण्डल अलवर के पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला। प्रतिनिधिमण्डल में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष रामावतार अग्रवाल तथा अशोक सिंघानिया उपस्थित रहे।
पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया जिसको विस्तार करते हुए बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम 2020 के अनुसार मण्डी के बाहर क्रय-विक्रय को मण्डी सेस आदि से मुक्त किया गया था, परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा यह कानून वापिस ले लिया गया है। राज्य सरकार उपरोक्त कानून के लागू होते ही विधानसभा में एक बिल लेकर आयी। जिसमें मण्डी के अन्दर कृषि उपज का क्रय-विक्रय करने वालों को नियमानुसार मण्डी फीस तथा कृषक कल्याण फीस देय होगी, परन्तु मण्डी के बाहर कृषि जिंस के क्रय-विक्रय करने वाले व्यापारी को मण्डी फीस तथा कृषक कल्याण फीस नहीं देना होगा।
केन्द्र सरकार द्वारा कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम 2020 का कानून वापिस लेने के बाद राज्य सरकार ने भी विधानसभा में बिल पेश किया और उसे पास करवाकर राज्यवाल महोदय की अनुशंषा हेतु भिजवा दिया।
श्री गुप्ता ने यह भी बताया कि उपरोक्त बिल अभी भी माननीय राज्यपाल के स्तर पर अनुशंषा हेतु लंबित है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य की मण्डियां बर्बाद होती जा रही है और किसान असामाजिक तŸवों द्वारा ठगा जा रहा है।
राज्यपाल महोदय व्यापारियों के प्रति हमेशा से सहृदय रहे हैं। और केन्द्र सरकार ने जब इस कानून को वापिस ले लिया है तो फिर कोई कारण नहीं बनता है। व्यापारियों के हित में इस बिल की अनुशंषा की जायें। राज्यपाल महोदय ने आश्वस्त किया है कि या तो यह बिल अनुशंषा करके भेज दिया गया होगा या फिर अनुशंषा करके भिजवा दिया जायेगा।