-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता। प्रदेश में कोरोना संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है इस वायरस की जद में शहर कस्बे से लेकर यंहा तक कि गांव ढाणियां भी गिरफ्त में आ चुकी है । जिसको लेकर राज्य सरकार ने आज नई गाइडलाइन जारी की है जिसमें कई पाबंदियां लगाई है । कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है जिसकी आशंका को लेकर राज्य के गृह विभाग ने पूरे प्रदेश में आगामी 30 जनवरी तक स्कूलों में अवकाश घोषित किया है लेकिन यह आदेश केवल नगरीय क्षेत्रों में लागू होंगे यानि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों को बंद करने के स्पष्ट आदेश नही होने से प्रदेश भर में असमंजस की स्थिति बनी हुई है । यंहा बता दे, कि दो दिन पहले भी एक गाइडलाइन जारी की गई थी जिसमे भी ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों को बंद करने को लेकर कोई स्पष्ट आदेश नही थे । जिसको लेकर जागरूक जनता के पास काफी तादाद में जागरूक पाठकों के फोन मैसेज आए थे । और आज आई नई गाइडलाइन में स्कूलों को लेकर फिर वही असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
वंही इस पर ग्रामीणों का कहना है कि शायद राज्य सरकार ने शहर की सीमा पर लक्ष्मण रेखा खींच रखी होगी क्योंकि इस सीमा को पार कर कोरोना गांवो की और आने से रहा । कुछ इस तरह की चुटकी लेते ग्रामीणों की परिवदेना सुनी जा सकती है । ऐसा नही है कि प्रदेश के गृह विभाग एंव गाइडलाइन को तैयार करने में लगे आला अधिकारियों एंव सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों की वस्तुस्थिति का पता नही है । वरन यह पूरी चेन भलीभांति जानती है कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों की और कोरोना ने रुख मोड़ लिया तो हालात संभल नही पाएंगे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का आभाव है वंही स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे शहरी बच्चों जितने कोरोना से सजग नही है या यूं कहें कि वे इसे सामान्य बीमारी समझ कर प्रिकॉशन व मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन नही कर पाएंगे जिससे खतरा तो निश्चित बढ़ेगा वंही सबसे बड़ा संक्रमण का खतरा तो शिक्षको से हो सकता है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाने वाले ज्यादातर शिक्षक शहरी क्षेत्रों से जाते है ऐसे में क्या कोरोना शहरी सीमा की लक्ष्मण रेखा पर भस्म हो जाएगा ?? आज वाली जारी गाइडलाइन को देखकर कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है । ऐसे में राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों के बंद करने के सम्बंध में जारी की गई गाइडलाइन में बनी हुई भ्रांति को स्पष्ट व साफ करें ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावकों को असमंजस की स्थिति से राहत मिले।