जयपुर/ राज्य सरकार द्वारा लागू किये “राजस्थान मृत शरीर सम्मान अधिनियम 2023” का लघु उद्योग भारती ने स्वागत कर राज्य सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया हैं।
लघु उद्योग भारती के जयपुर अंचल अध्यक्ष सुधीर कुमार गर्ग ने बताया कि लघु उद्योग भारती सरकार के सामने लगातार यह मांग रख रही थी औद्योगिक ईकाईयों में दुर्घटनावश श्रमिक, कर्मचारी की मृत्यु हाने पर अनावश्यक दबाव डालकर बड़ी राशि वसूलने के लिए शव रखकर प्रदर्शन करने की वृति को रोकने का उपाय किया जाना चाहिए । यह नया कानून ऐसे दबाव को रोकने में मदद करेगा । साथ ही सरकार से निवेदन किया है कि मुआवजे की एक निश्चित राशि भी सरकार को तय करना चाहिए ताकि विवाद उत्पन्न नहीं हो ।
इस कानून के तहत् मृत शरीर को रखकर प्रदर्शन करना अब अपराध होगा और ऐसे मामलों में 6 माह से 5 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं लावारिस शव के मामले में अंतिम संस्कार से पूर्व मृत व्यक्ति के डीएनए सहित अन्य जानकारी की सुरक्षित रखना सरकार का दायित्व होगा । परिजन के अंतिम संस्कार नहीं करने पर सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी शव का अंतिम संस्कार करा सकेगा । राज्य सरकार ने इन प्रावधानों से संबंधित राजस्थान मृत शरीर का सम्मान अधिनियम 2023 को लागू कर दिया है ।
इस तरह का कानून लाने वाला राजस्थान संभवतया पहला राज्य हैं। प्रदेश में वर्ष 2014 से लेकर अब तक 300 से अधिक बार शव रखकर प्रदर्शन किया गया, वहीं अब तक 3200 से अधिक लावारिस शव मिले ।
विशेष प्रावधान –
Ø अंतिम संस्कार 24 घंटे में करना होगा, कार्यपालक मजिस्ट्रेट समय सीमा बढ़ा सकेगा ।
Ø परिजन द्वारा शव नहीं लेने पर एक वर्ष, परिजन द्वारा शव रखकर प्रदर्शन करने पर 2 वर्ष की सजा व जुर्माना ।
Ø शव रखकर किए जाने वाले प्रदर्शन में बाहरी व्यक्ति के शामिल होने पर उसे 6 माह से 5 वर्ष तक सजा व जुर्माना ।
Ø परिजन द्वारा अंतिम संस्कार नहीं करने पर लोक प्राधिकारी अंतिम संस्कार करा सकेगा ।
Ø लावारिस शव का डीएनए प्रोफाइलिंग और आनुवांशिक जेनेटिक डाटा सुरक्षित रखा जाएगा ।