- -शोधकर्ताओं ने ई-बर्ड के आंकड़ों और एल्गोरिद्म की मदद से यह अनुमान लगाया।
- -9700 प्रजातियां चिडिय़ों की हैं, कुल परिंदों का 92 प्रतिशत है।
- -6 गुना है लगभग पृथ्वी पर इंसानों की आबादी की तुलना में परिंदे।
परिंदे, जीवन और जैव विविधता का जरूरी हिस्सा हैं। खुले आसमान में विचरण करने वाले परिंदों की गणना तो संभव नहीं, लेकिन पिछले दिनों वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि धरती पर 50 अरब से ज्यादा परिंदे रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथवेल्स यूनिवर्सिटी के कोरे कैलागन की अगुवाई में हुआ यह अध्ययन, पिछले दिनों प्रोसिडिंग्स ऑफ द यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। न्यू साउथवेल्स के शोधकर्ताओं का अनुमान है कि पृथ्वी पर 50 अरब से 428 अरब के बीच पक्षियों की संख्या है।
ये है अध्ययन का आधार
शोधकर्ताओं ने ई-बर्ड के आंकड़ों और एल्गोरिद्म की मदद से यह अनुमान लगाया। ई-बर्ड पर दुनिया के 6 लाख सिटिजन साइंटिस्ट के डेटा सुरक्षित हैं।
किस प्रजाति के कितने परिंदे
1.6 अरब आबादी गोरैया (घरेलू चिडिय़ा) की है, सबसे ज्यादा।
1.3 अरब हैं यूरोपीय मैना
1.2 अरब रिंग-बिल्ड गल (समुद्री पक्षी)
1.1 अरब बार्न स्वालो हैं विश्व में
ये परिंदे दुर्लभ श्रेणी में
न्यूजीलैंड का राष्ट्रीय पक्षी कीवी की संख्या तीन हजार पर ही सिमट गई, जबकि मेडागास्कर में पाई जाने वाली मेसाइट चिडिय़ा एक लाख 54 हजार ही बची हैं। विश्व में पिछले चार दशक में 40 फीसदी परिंदों की प्रजातियां लुप्त हो चुकी हैं।