जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या के पति राजाराम गिरफ्तार, हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत से किया इनकार


  • करौली नगर परिषद के पूर्व सभापति राजाराम को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
  • जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर के पति हैं राजाराम।
  • हाईकोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने पर पुलिस का एक्शन।
  • करौली में स्वास्थ्य निरीक्षक ने मारपीट विवाद के जयपुर से राजाराम को किया गया गिरफ्तार।

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर के पति और करौली नगर परिषद के पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से राजाराम गुर्जर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद करौली पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। जयपुर ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम के खिलाफ करौली के कोतवाली थाने में 13 नवंबर 2019 को स्वास्थ्य निरीक्षक ने मारपीट का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने गुर्जर की याचिका पर 20 फरवरी 2020 से अंतरिम जमानत दे रखी थी।

जयपुर से राजाराम को हिरासत में लेकर करौली पुलिस शाम को रवाना हुई और देर रात पूछताछ कर बाद गिरफ्तार कर लिया। करौली थाना अधिकारी दिनेश मीणा के नेतृत्व में पुलिस टीम की जयपुर में कार्रवाई को अंजाम दिया था। करौली नगर परिषद के पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज करने के बाद जयपुर ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर के खिलाफ करौली के कोतवाली थाने में 13 नवंबर 2019 को स्वास्थ्य निरीक्षक ने मारपीट का मामले में आज गिरफ्तार कर लिया गया है। राजराम गुर्जर की मारपीट मामले में जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने 20 फरवरी 2020 से अंतरिम जमानत दे रखी थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

करौली कोतवाली थाने में नगर परिषद के स्वास्थ्य निरीक्षक मुकेश कुमार सैनी ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमें कहा था कि नगर परिषद सभापति ने घर बुलाकर ठेकेदार की ओर से पेश 340 श्रमिकों के बिल पर हस्ताक्षर करने को कहा। सैनी ने कहा कि उनकी ओर से 190 सफाई श्रमिक कार्यरत होने की रिपोर्ट भेजी जा चुकी थी। इसी वजह से उसने बिल के प्रमाणीकरण करने से इनकार कर दिया। जिस पर तत्कालीन सभापति राजाराम गुर्जर उससे मारपीट की थी।

गुर्जर ने जमानत याचिका में कहा कि पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है। राजनीति के चलते ही उनको पद से हटाया गया था। उसके खिलाफ जो 11 मामले पेंडिंग बताए गए हैं उनमें से एक को छोड़कर सभी में राजीनामा हो चुका है। ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। नगर परिषद के स्वास्थ निरीक्षक ओर मामले में परिवादी मुकेश के अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा याचिकाकर्ता आदतन अपराधी है पुलिसकर्मियों से मारपीट तक के मामले दर्ज रहे हैं। उससे जबरन फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की गई है।

वहीं, सरकारी अधिवक्ता ने भी जमानत याचिका का विरोध किया। जिसके बाद न्यायाधीश एनएस ढढ्ढा ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। करौली एसपी मृदुुुल कच्छावा ने बताया कि राजाराम के खिलाफफल नगर परिषद करौली मेंं इंजीनियर से मारपीट का मामला दर्ज था जिसमें हाई कोर्ट से जमानत याचिकाा खारिज होने पुलिस ने जयपुर से हिरासत में लिया पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है ।


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