नई दिल्ली। भारत रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदना जारी रखेगा। हालांकि भारत को रूस से इस कितना डिस्काउंट मिलेगा यह अभी तय नहीं है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत अभी कच्चा तेल औसतन 100 डॉलर प्रति बैरल के भाव से खरीदता है। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत के लिए सस्ते तेल आयात का बड़ा मौका उपलब्ध कराया है। भारत की रूस से क्रूड ऑयल की खरीद पर अमेरिका को आपत्ति है लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में अपनी नीति नहीं बदली है।
भारत ने रूस से तेल खरीद बढ़ाई तेल
भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत तेल आयात करता है। भारत ने अप्रैल में रूसी तेल आयात को बढ़ाकर लगभग 277,000 बैरल प्रति दिन कर दिया, जो मार्च में 66,000 बैरल प्रति दिन था। बीते साल 8 ऐसे देश थे जिनसे भारत ने रूस की तुलना में अधिक तेल खरीदा था लेकिन इस के अप्रैल महीने तक यह आंकड़ा कहीं आगे बढ़ गया है। खपत में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है।
रूस हमारा चौथा सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर
रूस अप्रैल में भारत का चौथा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल सप्लायर बन गया। इससे अधिक क्रूड भारत इराक, सऊदी अरब और यूएई से खरीद रहा है। भारत के कुल क्रूड आयात में अफ्रीकी तेल की हिस्सेदारी मार्च में 14.5 फीसदी से घटकर अप्रैल में 6 फीसदी रह गई जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग आधी होकर मात्र 3 फीसदी तक सिमट गयी। मार्च 2022 तक भारत जहां रूस, कजाकिस्तान और अजरबैजान से मात्र 3 फीसदी तेल खरीद रहा था वहीं मात्र एक महीने बाद यह हिस्सा बढ़कर 11 फीसदी पर पहुंच गया। रूस, भारत को 487,500 बैरल प्रति दिन तेल बेचने को तैयार है।
रूस से क्रूड आयल खरीदना महंगा
रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना बस एक अवसरवादी खरीद है, क्योंकि यह सामान्य दिनों में भारतीय रिफाइनरों के लिए एक महंगा सौदा है। क्रूड आयल सप्लाई के लिए परिवहन की दूरियां बेहद लंबी हैं, शिपिंग समय लंबा है। माल ढुलाई महंगी है इसके साथ-साथ सामान्य दिनों में रूस के पास इतना तेल नहीं होता कि वह भारत को तेल बेच पाए।
रूस से भारत की तेल खरीद पर अमेरिका को आपत्ति
भारत के रूस से क्रूड ऑयल को लगातार बढ़ने से रोकने के लिए अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के अधिकारी मंगलवार को भारत पहुंचे हैं। ट्रेजरी विभाग के एक प्रवक्ता के मुताबिक अमेरिकी आतंकवादी वित्तपोषण और वित्तीय अपराधों की सहायक सचिव एलिजाबेथ रोसेनबर्ग गुरुवार को नई दिल्ली और मुंबई का दौरा करेंगी।
तेल खरीद पर प्रतिबंध लगाने का विचार
रोसेनबर्ग की भारत यात्रा बाइडेन प्रशासन के व्यापक प्रयास का एक हिस्सा है। इसमें दुनियाभर के अमेरिकी सहयोगियों को अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रणों के बारे में अधिकारियों और उद्योगपतियों को बताया जाएगा। वर्तमान में रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध अन्य देशों को रूसी तेल खरीदने से नहीं रोकते हैं।
बाइडेन प्रशासन ऐसे मध्यम प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है जो इन खरीद को प्रतिबंधित कर सकते हैं।