आज के युग में सुदामा श्रीकृष्ण को पोटली में चावल देते, तो उनपर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगता : मोदी


नरेंद्र मोदी का सोमवार को प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला दौरा था। मंच पर आते ही उन्होंने पंडाल में मौजूद हजारों साधु-संतों को अभिवादन किया। कैला देवी और बूढ़े बाबू की जय के साथ उन्होंने संबोधन शुरू किया तो माहौल जय श्रीराम से गूंज उठा। 30 मिनट के संबोधन में विकास और विरासत की नई तस्वीर रखी। सामूहिकता को इसका मूलमंत्र बताया।

श्रीकल्कि धाम के शिलान्यास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आचार्य प्रमोद कृष्णम
संजय रुस्तगी, संभल। श्रीकल्कि धाम का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना नाम लिए सपा पर निशाना साधा। मंदिर निर्माण रोकने के लिए पूर्व सरकार को जिम्मेदार बताया। साथ ही विपक्ष की आलोचना वाली राजनीति पर भी कटाक्ष किया।

उन्होंने आगे कहा कि प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हर किसी के पास देने के लिए कुछ न कुछ होता है, लेकिन मेरे पास कुछ नहीं है। मैं सिर्फ भावनाएं व्यक्त कर सकता हूं। अच्छा हुआ प्रमोद जी आपने कुछ दिया नहीं। जमाना इतना बदल गया है कि आज के युग में सुदामा श्रीकृष्ण को एक पोटली में चावल देते तो वीडियो निकल जाती, सुप्रीम कोर्ट में पीआइएल हो जाती और जजमेंट आता कि भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार कर रहे थे।

मंदिर के साथ बन रहे मे़डिकल कालेज
जिला बनने से पहले 2004 और 2009 में संभल आए मोदी का सोमवार को प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला दौरा था। मंच पर आते ही उन्होंने पंडाल में मौजूद हजारों साधु-संतों को अभिवादन किया। कैला देवी और बूढ़े बाबू की जय के साथ उन्होंने संबोधन शुरू किया, तो माहौल जय श्रीराम से गूंज उठा। 30 मिनट के संबोधन में विकास और विरासत की नई तस्वीर रखी। सामूहिकता को इसका मूलमंत्र बताया। शंख ध्वनि के बीच मोदी ने अपनी सरकार की विकास यात्रा को भी रखा और विकास और विरासत के मंत्र को आत्मसात करने की बात भी कही।

वह बोले कि आज एक तरफ हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है, दूसरी ओर शहरों में हाईटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बन रहा है। मंदिर बन रहे हैं तो देशभर में नए मेडिकल कालेज भी बन रहे हैं। विदेश से प्राचीन मूर्तियां वापस लाई जा रही है, रिकार्ड विदेशी निवेश भी आ रहा है। यह परिवर्तन प्रमाण है, समय का चक्र घूम चुका है। एक नया दौर हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। उन्होंने लालकिले से अपने संबोधन को याद दिलाते हुए कहा-मैंने कहा था कि यही समय है, सही समय है।

हम अनुसरण नहीं, उदाहरण पेश कर रहे
पहली बार भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में तेजी से उभरा है। पहली बार हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचे हैं। पहली बार वंदेभारत ट्रेन चली है। पहली बार बुलेट ट्रेन चलने वाली है। हमें टेक्नोलाजी और डिजिटल टेक्नोलाजी के क्षेत्र में संभावनाओं के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है। भारत के नागरिक दुनिया के किसी भी कोने में हों, खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास का यह ज्वार अद्भुत है। हमारी शक्ति भी अनंत है और हमारे लिए संभावनाएं भी अपार हैं।

सकारात्मकता का प्रमाण होगा मंदिर
समारोह में संतों की उपस्थिति से गदगद पीएम मोदी आचार्य प्रमोद कृष्णम का कद भी बढ़ा गए। बोले-मैं प्रमोद कृष्णम को राजनीतिक रूप से ही जानता था। इन्होंने निमंत्रण देते वक्त बताया कि कल्कि मंदिर के लिए काफी लड़ाई लड़नी पड़ी। कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। इन्हें बताया गया कि मंदिर बनाने से शांति व्यवस्था बिगड़ जाएगी।

हमारी सरकार में वह (प्रमोद कृष्णम) निश्चिंत होकर इस काम को शुरू कर पाए हैं। मुझे भरोसा है कि यह मंदिर प्रमाण होगा कि हम बेहतर भविष्य को लेकर कितने सकारात्मक होकर रहने वाले लोग हैं। आज जितना आनंद प्रमोद कृष्णम को हो रहा होगा, उससे कई गुना ज्यादा उनकी दिवंगत मां को होगा।


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