ED की एक टीम मंगलवार सुबह पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे प्रताप सिंह खाचरियावास के पैतृक घर पहुंची और तलाशी ली। इस पर राजस्थान में पूर्व मंत्री खाचरियावास ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह ईडी से नहीं डरते।

जयपुर . राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पू्र्व मंत्री के घर मंगलवार को ED ने छापा मारा है। जयपुर में प्रताप सिंह खाचरियावास के घर सुबह से सर्च ऑपरेशन जारी है। आय से अधिक संपत्ति केस में ED ने छापेमारी की है तो वही प्रताप सिंह खाचरियावास का पहला रिएक्शन भी सामने आया है। जयपुर में अपने घर के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए खाचरियावास ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह ईडी से नहीं डरते। उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं डरूंगा, भ्रष्टाचार करने वाले डरें। भाजपा सरकार को ईडी का इस्तेमाल करके राजनीति नहीं करनी चाहिए।’’
घर के बाहर इकट्ठा हुए कांग्रेस समर्थक
जांच एजेंसी की एक टीम पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे प्रताप सिंह खाचरियावास के पैतृक घर पहुंची और तलाशी ली। जानकारी के मुताबिक, प्रताप सिंह खाचरियावास इस मकान में अपने बड़े भाई करण सिंह के साथ रहते हैं। ईडी रेड की जानकारी मिलते ही कांग्रेस नेता के समर्थक और कार्यकर्ता उनके घर के बाहर इकट्ठा हो गए। पूर्व मंत्री के समर्थक केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ताओं ने ED पर बिना नोटिस कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि मनमाने तरीके से कार्रवाई की गई तो विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा। हालांकि, खाचरियावास अपने समर्थकों को शांत करते नजर आए।
‘डराने के लिए घर की तलाशी लेने आई है ED’
कांग्रेस नेता ने कहा कि ED उन्हें डराने के लिए उनके घर की तलाशी लेने आई है। उन्होंने कहा, “भाजपा अहंकारी है। केंद्र में उनकी 11 साल से सरकार है, राजस्थान में भी उनकी सरकार है। मैं उनके खिलाफ बोलता रहा हूं, इसलिए उन्होंने यह कार्रवाई की है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।”
खाचरियावास ने आरोप लगाया कि ED बिना किसी कारण के कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमारे नेता राहुल गांधी को बुलाया। जब वे कोई कारण बताएंगे, तो मैं जवाब दूंगा। अभी तक ईडी ने तलाशी का कोई कारण नहीं बताया है।” उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को ED के जरिए राजनीति नहीं करनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि उनका किसी कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है। संघीय जांच एजेंसी इस मामले में अन्य स्थानों पर भी कुछ परिसरों की तलाशी ले रही है।
बताई जा रही है कैबिनेट मिनिस्टर प्रताप सिंह की संलिप्तता
सूत्रों के अनुसार ईडी को संदेह है कि खाचरियावास की इस घोटाले में करीब 30 करोड़ रुपये की संलिप्तता हो सकती है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन इस कार्रवाई से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले में देशभर से करीब 5.85 करोड़ निवेशकों ने पीएसीएल में लगभग 49100 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
निवेश की राशि से चार गुना ज्यादा है प्रॉपर्टी
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में इस घोटाले की जांच के लिए सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कोर्ट के निर्देश पर इस कमेटी का उद्देश्य था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम कर निवेशकों को राशि लौटाई जाए। सेबी के अनुसार, कंपनी की संपत्तियों का मूल्य करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये है, जो निवेश की राशि से चार गुना ज्यादा है।
जयपुर के चौमूं ने में दर्ज हुआ था 2011 में मुकदमा
इस घोटाले का सबसे पहला मामला 2011 में जयपुर के चौमूं थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था। चिटफंड एक्ट के तहत कंपनी पर मुकदमे देश के कई राज्यों में चल रहे हैं, जिसमें राजस्थान प्रमुख केंद्र रहा है। ईडी की इस कार्रवाई से साफ है कि अब पीएसीएल मामले में तेजी से जांच आगे बढ़ेगी और जिन प्रभावशाली लोगों की भूमिका संदेह के घेरे में है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई संभव है।