
जयपुर @ जागरूक जनता/दिनेश प्रजापत. सांगानेर मे स्थित जगन्नाथ माहाराज के मंदिर महंत श्री सुनील लाटा ने बताया कि बीते 160 साल से यात्रा निकाली जा रही है। यह मंदिर 800 साल पुराना मंदिर है। भगवान जगन्नाथ माता लक्ष्मी, बड़े भाई बलराम जी एवं बहन सुभद्रा जी के साथ विराजमान है। विग्रह काठ की लकड़ी के बने हैं। इसी कड़ी में दिनांक 4 जुलाई 25 को भड़ल्या नवमी के दिन ठाकुर जी का माता लक्ष्मी जी के साथ विवाह संपन्न होगा।
मंदिर पुजारी अमन व शुभम लाटा ने बताया कि जगन्नाथ रथ यात्रा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। जगन्नाथ दो शब्दों के मेल से बना है। इसमें जग का अर्थ ब्रह्मांड और नाथ का अर्थ भगवान से है। भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का ही रूप है, जो कि भगवान विष्णु के अवतारों में एक हैं। स्कंद पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण और ब्रह्म पुराण में भी रथ यात्रा का वर्णन मिलता है। मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में जुलूस के दौरान रथ को खींचना शुद्ध भक्ति से जुड़ा है। इससे व्यक्ति के ऐसे पाप नष्ट होने के साथ ही सौ यज्ञ कराने जितने पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
आपको बता दे की सांगानेर के आराध्य श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। शुक्रवार 27 जून 2025 को रथयात्रा ठिकाना मंदिर श्री जगन्नाथ जी, राधा वल्लभ मार्ग से शुरू होकर त्रिपोलिया गेट, बस स्टैंड, हलवाई बाजार,अनाज मंडी,मैन बाजार से होते हुए नगर निगम रोड़ स्थित सिंघी सागर बगीची पहुंचेगी। जहां श्री जगन्नाथ जी महाराज अपने बड़े भाई बलभद्र जी और बहन सुभद्रा जी के साथ भडल्या नवमी शुक्रवार 4 जुलाई 2025 तक विराजमान रहेगें।
इसी दिन भड़ल्या नवमी को ठाकुर जी के माता लक्ष्मी जी के साथ फेरे संपन्न करवा कर विवाह महोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर शाम 4 से 7:15 बजे तक भजन संध्या होगी। अगले दिन शनिवार 5 जुलाई 2025 को रथयात्रा सिंघी सागर बगीची से रवाना होकर मालपुरा गेट के अंदर पहुंचेगी। जहां ठाकुर श्री जगन्नाथ जी (काल्या ठाकर) के विवाह महोत्सव के उपलक्ष्य में विशाल मेला आयोजित किया जाएगा।