भारत सरकार ने जारी की वर्ष 2023-24 के लिए अफीम पॉलीसी

हजारों अफीम लाईसेंस और आएंगे इस अभियान पॉलिसी में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सांसद जोशी ने जताया केन्द्र सरकार का आभार

चित्तौड़गढ़। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए जारी अफीम पॉलीसी से इस बार हजारों किसान और जुड़ जाएंगे। मोदी सरकार अफीम किसानों के लिए हमेशा सकारात्मक रूप से काम करती है। यह पॉलीसी किसान हितैषी है। यह बात भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सांसद सी.पी. जोशी ने नयी अफीम पॉलीसी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
संसदीय कार्यालय द्वारा बताया गया कि नई अफीम पॉलीसी में गत वर्ष जिन अफीम लाईसेंसधारी किसानों की फसल में मार्फिन की औसत मात्रा 4.2 प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है, उन सभी को लुवाई चिराई वाला लाईसेंस मिलेगा। पात्र किसानों को दस आरी का लाईसेंस मिलेगा। इसके साथ ही जिन किसानों ने लगातार तीन वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 में फसल को हकवाई हो, उनको भी इस वर्ष पुनः लाईसेंस मिलेगा। इस छूट के कारण हजारों किसान पुनः इस साल अफीम फसल पैदा कर पाएंगे। गत वर्ष पात्र किसान जिनको लाईसेंस देरी से मिला, वह इस वर्ष पुनः लाईसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
इसके साथ ही सीपीएस पद्धति के लिए भी नोटीफिकेशन जारी हुआ है।

सीपीएस पद्धति में गत वर्ष जिन काश्तकारों के अफीम फसल की औसत 3 किलोग्राम से अधिक और 4.2 से कम है वो इस बार सीपीएस पद्धति में पात्र होंगे। इसके साथ ही 2021-22, 2022-23 में जुताई करवाने वाले अफीम किसान इस बार इस पद्धति में पात्र होंगे। इस बार की पॉलीसी में विशेष रूप से सन् 1999-2000 से 2022-23 तक जिन काश्तकारों की फसल घटिया घोषित कर दी गई, उनमें से जिनकी मार्फिन अवयव 6 प्रतिशत से अधिक थी, उनको इस बार इसमें पात्र माना गया है। इस निर्णय से संसदीय क्षेत्र के हजारों किसान इस बार पात्र होंगे। इसके साथ ही जिन किसानों का फसल वर्ष 1998-99 से लेकर वर्ष 2022-23 तक लाइसेंस रद््द कर दिया गया था, बशर्ते कि उन्होंने औसत अफीम/मार्फिन को जमा किया हो, जिसका कुल औैसत मार्फिन की औसत उपज (लाइसेंस के लिए निर्धारित अगले फसल वर्ष) के कुल 100 प्रतिशत के बराबर/समतुल्य या उससे अधिक हो। उनके पिछले पांच निविदा वर्षों में से कोई भी श्रेष्ठ तीन वर्ष जिसमें अंतिम निविदा वर्ष (लाइसेंस रद्द करने के वर्ष के ठीक पहले) भी शामिल है। कानूनी उत्तराधिकारी को लाइसेंस के हस्तांतरण के मामले में, मृतक कृषकों द्वारा दी गई औैसत निविदा को निविदा की अफीम की कुल औसत गणना के लिए ध्यान में रखा गया।

वे किसान जो 1998-1999 के बाद किसी भी फसल वर्ष में अफीम पोस्त की खेती के लिए पात्र थे या फसल वर्ष के बाद घोषित छूट के अनुसार पात्र पाए गए, लेकिन किसी भी कारण से स्वेच्छा से लाइसेंस प्राप्त नहीं किया या जिन्होंने लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, किसी भी कारण से वास्तव में अफीम पोस्त की खेती नहीं की या अगले वर्ष/वर्षों की अफीम लाइसेंसिंग नीति/निर्देशों के कारण डिफॉल्ट रूप से अपात्र हो गए हों। जिन किसानों ने 1998-99 से 2002-03 के दौरान अफीम पोस्त की खेती की थी इन वर्षों में कृषकों को एक किलो का औैसत में छूट देते हुए पात्रता दी गई है। फसल वर्ष 1998-1999, कम एमक्युवाई पर लाइसेंस रद्द करने का वर्ष 1999-2000, 39 से अधिक या उसके बराबर लेकिन 40 से कम, फसल वर्ष 1999-2000, कम एमक्युवाई पर लाइसेंस रद्द करने का वर्ष 2000-2001, 47 से अधिक या उसके बराबर, लेकिन 48 से कम, फसल वर्ष 2000-2001 कम एमक्युवाई पर लाइसेंस रद्द करने का वर्ष 2001-2002, 49 से अधिक या उसके बराबर लेकिन 50 से कम, फसल वर्ष 2001-2002 कम एमक्युवाई पर, लाइसेंस रद्द करने का वर्ष 2002-2003, 49 से अधिक या उसके बराबर लेकिन 50 से कम, फसल वर्ष 2002-2003 कम एमक्युवाई पर लाइसेंस रद्द करने का वर्ष 2003-2004 ,50 से अधिक या उसके बराबर लेकिन 51 से कम के आधार पर लाईसेंस मिलेंगे।

इस ऐतिहासिक पॉलीसी पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद सी.पी. जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का आभार प्रकट किया।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

गो विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा में 250 विद्यार्थी ने लिया भाग

जागरूक जनता @गड़ामालानी. क्षेत्र के रामजी का गोल के...