Rajasthan CM Oath Ceremony: राजस्थान की नई सरकार के गठन कवायद तेज हो गई है। पार्टी ने तीन पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं, जो शनिवार को जयपुर पहुंचेंगे। इसके बाद विधायकों से चर्चा करने के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। जिसे पॉर्लियामेंट्री बोर्ड को भेजा जाएगा, जहां से आधिकारिक रूप से सीएम की घोषणा की जाएगी।
जयपुर. राजस्थान की नई सरकार के गठन कवायद तेज हो गई है। पार्टी ने तीन पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं, जो शनिवार को जयपुर पहुंचेंगे। इसके बाद विधायकों से चर्चा करने के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। जिसे पॉर्लियामेंट्री बोर्ड को भेजा जाएगा, जहां से आधिकारिक रूप से सीएम की घोषणा की जाएगी। खास बात यह है कि अंदरखाने शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू हो गई है। 16 दिसंबर से मलमास शुरू होना है, ऐसे में 15 दिसंबर से पहले सीएम व कई मंत्रियों का शपथ ग्रहण हो सकता है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। बुधवार यानि 13 दिसंबर तक शपथ ग्रहण का कार्यक्रम हो सकता है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो 10 दिसंबर यानि रविवार को विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में सीएम के नाम पर सहमति ली जाएगी। बैठक के लिए पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे शनिवार रात तक जयपुर आ सकते हैं। इसके बाद यहां नाम तय होने के बाद सोमवार तक पॉर्लियामेंट्री बोर्ड की ओर से सीएम का नाम घोषित किया जाएगा। इसे लेकर कवायद तेज हो गई है। विधायक दल की बैठक को लेकर आज सभी विधायकों को आधिकारिक सूचना दी जाएगी। इससे सभी विधायक तय समय पर जयपुर पहुंच सके। उधर, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी जयपर पहुंच चुके हैं।
कई मंत्री भी लेंगे शपथ
सीएम के साथ कई मंत्रियों को भी पद की शपथ दिलाई जाएगी। जातिगत समीकरणों को साधते हुए मंत्रियों का चयन किया जाएगा। दो डिप्टी सीएम बनाने की भी संभावना है। इस मंत्रिमंडल में अनुभव के साथ युवा चेहरों को भी शामिल किया जाएगा। सरकार के गठन के बाद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार कुछ बड़े कदम भी उठा सकती है।
जयपुर पहुंचना शुरू हो जाएंगे विधायक
पार्टी की ओर से रविवार को विधायक दल की बैठक होती है तो शनिवार से ही विधायकों का जयपुर पहुंचना शुरू हो जाएगा। अगर बुधवार तक शपथ ग्रहण होता है तो विधायक जयपुर में ही रहकर शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे।
सांसदों का हो चुका है इस्तीफा
पार्टी ने इस बार 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतार था। इनमें से चार विधायक बन चुके हैं। विधायक बनीं दीया कुमारी, किरोड़ीलाल मीणा, महंत बालकनाथ और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं।