सरकार की दमनकारी नीतियों से देश का अन्नदाता व व्यापारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा-जाखड़
बीकानेर@जागरूक जनता । स्वदेशी कानून सोसायटी की तरफ से नवाचार करते हुए छठी लोक संसद का आयोजन बीकानेर के किसान भवन में किया गया । जिनमें सैकड़ों की संख्या में दर्शक विभिन्न गांवोे से लंबी दूरी तय कर पहुंचे। कार्यक्रम में खेती बाड़ी, मंडी और आवश्यक वस्तु कानूनों पर खुली चर्चा की गई । लोक संसद की अध्यक्षता करते हुए मोतीलाल सेठिया ने कहा कि अंग्रेजी राज के उपनिवेशी सिविल कानून 1908 की तर्ज पर यह तीनों कानून बनाये हैं । जिसको लेकर देश भर के किसान व्यापारी विरोध प्रदर्शन कर रहे है लेकिन सरकार पर कोई असर नही हो रहा है । लोक संसद में हिस्सा लेते हुए युवा उद्यमी भगीरथ जाखड़ ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस देश की इकोनॉमी की मुख्य जड़ अगर कोई है तो वो इस देश का किसान व व्यापारी है, लेकिन सरकार की दमनकारी नीतियों से इस देश का अन्नदाता व व्यापारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है । लोक संसद में बीकानेर के वरिष्ठ उद्यमियों, किसान मोर्चा के पदाधिकारियों और सामाजिक क्षेत्र के वक्ताओं ने हिस्सा लिया जिसमे हनुमान चौधरी,भागीरथ जाखड़,जय दयाल डूडी, रिद्धिकरण सेठिया उपाध्यक्ष राजस्थान खाद्य व्यापार संगठन,चेतराम थालोड अध्यक्ष जाट महासभा बीकानेर, डा. सीमा जैन प्रदेश अध्यक्ष महिला ,संयुक्त किसान मोर्चा से शिवदान मेघवाल, रामेश्वर लाल जाखड़ अध्यक्ष ऊन मंडी, कोडाराम भादू डूंगरगढ़ बीजेपी मंडल अध्यक्ष, एडवोकेट भागीरथ मान, मदन मेघवाल पूर्व आईपीएस ,जेठाराम जी लाखूसर किसान महासभा बीकानेर, महेश कुमार जोशी, कॉमरेड मोहन भादू श्री डूंगरगढ़,राम गोपाल विश्नोई कोलायत, पूनमचंद टिकैत, काशीराम मेघवाल लूणकरणसर, कॉमरेड लालचंद भादू लूणकरणसर, प्रेमसुख सारण पूर्व जिला प्रमुख बीकानेर, डॉक्टर छोटू सिंह ढाका बहुमत सदस्यों ने इन कानूनों को काले कानून बताकर इन्हे वापिस लेने की मांग की । कार्यक्रम से जुड़े प्रतिनिधियों ने कहा कि बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल व जिला अध्यक्ष भाजपा को भी आने या संदेश भेजने के लिए निवेदन किया गया था, पर वे नहीं आये। स्वदेशी कानून सोसायटी के अध्यक्ष दिलीप जाखड़ ने कहा कि काले कानूनों की बजाय सुनहरे कानूनों का मसविदा राज्य सरकार को भेजा है । लोक संसद के अध्यक्ष मोतीलाल सेठिया ने कहा कि सिर्फ़ एक वक्ता ने इन कानूनों का समर्थन किया। अन्य सभी जागरूक सदस्यों ने इन्हे काला कानून बताया । सेठिया ने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने इन काले कानूनों को वापिस लेने की मांग सरकार से की है । सफलतापूर्वक लोकसंसद पूर्ण होने के पश्चात सीताराम सिहाग ने सब दूर-दूर विभिन्न तहसीलों से आए श्रोताओं और वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।