नई दिल्ली। राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हो सकते हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग उठी। पार्टी के कई नेताओं ने यह अनुरोध किया। इस पर राहुल ने सोच-विचार करने के लिए समय मांगा। लोकसभा में यह पद पिछले 10 साल से खाली है।
बैठक संसद के सेंट्रल हॉल में सुबह 11 बजे शुरू हुई थी। अब शाम 5.30 बजे कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक होगी। इसमें संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘जहां-जहां से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरी, वहां-वहां पार्टी की सीटें बढ़ी हैं।’ बैठक में सोनिया, राहुल, प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। बैठक में इलेक्शन रिजल्ट की समीक्षा हुई।
क्यों 2014 से नहीं है लोकसभा प्रतिपक्ष
लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें मिली थीं। भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली थीं। फिर भी नेता प्रतिपक्ष बना नहीं पाई।
लोकसभा प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीटें होना चाहिए। यानी कांग्रेस को इसके लिए 54 सांसदों की जरूरत थी।
2014 में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी उस वक्त पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने से इनकार कर दिया था। पिछली लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन तब भी 54 सीटें नहीं हुईं। अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के नेता बनाए गए लेकिन नेता प्रतिपक्ष तब भी कोई नहीं हो सका।