पिलानी(झुंझुनू) @जागरूक जनता। कोरोना महामारी ने कई परिवारों को तोड़ा और कई सपनों को धराशाही कर दिया लेकिन इस महामारी में ऐसे कई महानायक भी सामने आए जो समाज में एक मिसाल बनें है ऐसे ही एक महानायक है 22 साल के युवा बिरला अस्पताल पिलानी के निदेशक डॉ. मधुसुदन मनीष मालानी। कोरोना काल में जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाना हो या फिर फ्रंटलाइन वर्करों को मास्क और सैनेटाइजर देना हो, हर काम में डॉ. मालानी हमेशा आगे रहे हैं इसी क्रम में डॉ. मालानी ने स्वाथ्य स्वावलम्बी कार्यक्रम शुरू किया है जिसके अंतर्गत वे कोरोना के कारण अपने माता पिता खो चुके बच्चों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उठा रहे है।
डॉ. मालानी ने इन बच्चों को ताउम्र या उनके सक्षम होने तक स्वास्थ्य की दृष्टि से गोद लिया है। इन बच्चों का ईलाज वे अपने बिरला अस्पताल पिलानी में निः शुल्क करवाएंगे जो की पुरे प्रदेश में पहला और एक आदर्श उदाहरण है। यह बीड़ा उठाने वाले डॉ. मालानी प्रदेश के पहले व्यक्ति होंगे। डॉ. मालानी ने बताया कि जिस भी बच्चे को स्वास्थ्य सेवाए चाहेगी उनकी स्वास्थ्य सेवाऐं सम्बन्धी पूरी डिटेल उनके द्वारा मेन्टेन की जाएगी जिससे उनको समय पर ईलाज मिल सके और वे हमेशा स्वस्थ रहे।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर लगभग जा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी उनके सेवा कार्य लगातार जारी है। डॉ. मालानी ने बताया कि सामने आया है कि पोस्ट कोविड रोगियों की अच्छी संख्या सामने आ रही है। जिन्हें आक्सीजन आदि की समय—समय पर जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए उन्होंने एक आक्सीजन प्लांट का निर्माण तो शुरू कर दिया है। जो इसी महीने या फिर अगले महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा। साथ ही कंसंट्रेटर बैंक की स्थापना कर दी है। जहां पर निशुल्क कंसंट्रेटर मशीनें रोगियों को उपलब्ध करवाई जाएगी। यही नहीं कोरोना काल में अस्थि विसर्जन ना कर पाने की पीड़ा को भी समझते हुए मुकुंदगढ़ और पिलानी में अस्थि विश्राम गृह स्थापित कर शेखावाटी के तीनों जिलों के ऐसे लोगों को राहत दी। जो अपने परिजन को खो चुके थे और लॉकडाउन के चक्कर में अस्थि विसर्जन नहीं कर पा रहे थे। उन अस्थियो का विसर्जन डॉ. मधुसूदन मालानी द्वारा ३ महीने पश्चात विधि विधान द्वारा करवाया जाएगा।
रिपोर्ट: दीपक दहिया
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