डाक कर्मचारियों का तानाशाही रवैये से बालोतरा कि जनता परेशान,डाक नहीं बांट रहे डाकिये, भेज देते हैं वापस
जागरूक जनता। बालोतरा नगर का सबसे बडा डाक घर और पुराने जमाने का विश्वास अब धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है, क्योंकि डाक विभाग मे कुर्सी पर बैठे बैठे केवल फोन चलाना ही काम रह गया और काम कि बजाए मौज मस्ती का आंनद उठा रहे हैं कर्मचारी। समय पर डाक नहीं पहुचना जिससे उपभोक्ता हो रहे हैं निरंतर परेशान व कर्मचारियों का तानाशाही रवैया उपभोक्ताओं का पड रहा है भारी।कही विद्यार्थियों का जीवन भी अटक रहा है इस रवैये मे। उपभोक्ता द्वारा जानकारी लेने जाते हैं तो कर्मचारियों द्वारा खुला अपमानित करने का शब्द उपयोग करते हैं और उपभोक्ता को वापस निराश होकर आना पडता है।हालांकि डाकघर के मुख्य कुर्सी के महोदय जेठाराम और उपभोक्ताओं से मुंह छिपाने वाले वागाराम की ग्राहकों का विश्वास तोड़ने मे विशेष अहम रोल है। हाल ही में जागरूक जनता ने इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए जयपुर से एक स्पीड पोस्ट 3 जून को बालोतरा के लिए बुक करवाई थी, जिसकी ऑनलाइन ट्रैकिंग में 5 जून को जोधपुर से डिलेवरी डिस्पेच इंद्राज है। बालोतरा डाकघर द्वारा जागरूक जनता के पूछने पर टका सा जवाब 12 जून तक यही दिया जा रहा है कि अभी नहीं आयी है। इस प्रकार का व्यवहार आम जनता से होना प्रतिदिन की बात है। इनके रवैये को लेकर कर्मचारी की शिकायत करे तो कैसे करे कर्मचारी अपना नाम बताने के लिए भी तैयार नहीं। नाम पुछते है तो कहते हैं कि हमारा नाम नहीं है।यदि इस तरह तानाशाही रवैया चलता रहा तो बालोतरा सहित आसपास कि जनता को डाक घर से विश्वास उठ सकता है।