उदयपुर@जागरूक जनता। नारायण सेवा संस्थान में शनिवार को गणपति स्थानपा व हल्दी की पारम्परिक रस्म अदायगी के साथ 37वें दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह की धूम शुरू हुई। संस्थापक कैलाश ‘मानव’, कमला देवी अग्रवाल, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, देवेन्द्र चौबीसा, पलक अग्रवाल ने वैदिक मंत्रों के साथ गणेश जी का आव्हान व पूजन किया।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि वैदिक संस्कृति के रीति-रिवाजों में विवाह संस्कार से पूर्व विनायक स्थापना, हल्दी, मेहन्दी एवं महिला संगीत जैसी रस्में निभाना शुभ एवं सगुनभरी मानी गई है। जिसके चलते पीले परिधानों में सजे-धजे दिव्यांग एवं निर्धन जोड़ों की सुखमयी गृह गृहस्थी बसानें के लिए उनके हाथों से गणपति पूजन करवाकर उन्हें हल्दी का उबटन लगाया गया। हल्दी समारोह में 21 जोड़ों की हल्दी रस्म अदायगी की गयी। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी को चढ़ने वाली दूर्वा से झुक-नम कर जीवन जीना तथा हल्दी से सौदर्यवान बनें रहने का आशीर्वाद-प्रेरणा मिलती है।
मन की आंखों से देखेंगे दुनियाः मोहन-पूजा
हल्दी की रस्म में आकर्षण का केन्द्र रहा नीमच निवासी मोहन ओर नागौर निवासी पूजा नाम का जोड़ा। जो नेत्रहीन है। पिछले तीन वर्ष से निर्धनता एवं दिव्यांगता के ग्रहण के चलते विवाह नहीं कर पा रहे थे। शादी के बंधन में बंधने से पूर्व खुशी जाहिर करते हुए कहा हमारी हमसफर बन मन की आंखों से दुनिया देखने की जिद थी जो नारायण सेवा संस्थान के प्रयास से पूरी हो रही है।
गणपति स्थापना- हल्दी रस्म से शुरू हुआ नारायण सेवा का 37वां दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह
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