बीकानेर@जागरूक जनता। अणुव्रत समिति की ओर से शहर के सर्व प्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भामाशाह श्री विजयसिंह पारख की स्मृति मे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन सोमवार को श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय के सभागार में किया गया। नगर की विभिन्न संस्थाओं तथा वैयक्तिक तौर पर सौ से अधिक लोगों ने दिवंगत पारख को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सत्तर जनों ने अपने संक्षिप्त उद्गगार में कहा कि विजयसिंह पारख जैसे धीर गंभीर और जन हितैषी व्यक्ति सदियों में कोई कोई जन्म लेते हैं। उनका हृदय हर किसी जरूरतमंद के लिए धड़कता था। वें निस्वार्थ सेवा करने वाले सज्जन पुरुष थे। उनके जाने से नगर ने एक आत्मीय, हर दिल अजीज इन्सान खो दिया है। उल्लेखनीय है कि विजय सिंह पारख जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के पूर्व अध्यक्ष गोपाल गौशाला के पूर्व अध्यक्ष अणुव्रत समिति के पूर्व अध्यक्ष तथा श्री डूंगरगढ़ डेवलपमेंट एसोसिएशन के पूर्व संरक्षक रहे। इसके के साथ-साथ राष्ट्रभाषा हिंदी नागरिक विकास परिषद बालभारती एवं अन्य अनेक संस्थाओं से जुड़े हुए थे। उपस्थित स्नेही जनों के उद्गार के पश्चात दो मिनट का मौन रखकर उनकी फोटो के समक्ष पुष्प अर्पित किए गए। स्मृति सभा का संचालन कन्हैयालाल जैन तथा भीखमचंद पुगलिया ने किया। इस अवसर पर शोक संतप्त पारख परिवार, बोथरा परिवार तथा सिंघी परिवार के सदस्य उपस्थित रहे तथा उन्होंने सभा में उपस्थित नगर की समस्त संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा पारख परिवार के प्रति गहरी और हार्दिक संवेदना प्रकट करने के लिए कृतज्ञता का भाव प्रकट किया इस दौरान स्वर्गीय विजयसिंह पारख के पुत्र सुमति पारख,पौत्र अमन पारख, भंवरलाल पारख निर्मल बोथरा, नवीन पारख मोहनलाल सिंघी सहित नगर के संस्थाओं के प्रतिनिधि नगर पालिका श्रीडूंगरगढ़ के अध्यक्ष मानमल शर्मा, तुलसीराम चौरडिया, श्याम महर्षि भरतसिंह राठौड़,डॉ चेतन स्वामी, रामेश्वरलाल पारीक, रामगोपाल सुथार राजीव श्रीवास्तव, ताराचंद इंदौरिया, रूपचंद सोनी गोपीराम जानू, रामचंद्र राठी, तोलाराम मारू,देवीलाल उपाध्याय, सोहनलाल ओझा श्रीमती संगीता देवी दुगड़, श्रीमती अंजू पारख, मदनलाल मालू श्रवणकुमार गुरनानी, विमल भाटी, सुशील सेरडिया, पवन सेठिया, सूर्यप्रकाश गांधी,देवीलाल उपाध्यय,महावीर माली, डॉ रामकृष्ण शर्मा, हरिराम बाना, अशोक झाबक, डॉ मदन सैनी,रिद्धकरण झाकल, विवेक माचरा, रघुनाथ प्रसाद सैनी,सत्यदीप भोजक,नारायण कल्याणी,भंवर भोजक, राजू हीरावत, शुभकरण पारीक कोडामल दर्जी सत्यनारायण स्वामी सहित बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।