महाराष्ट्र, गुजरात और एमपी से आने वाले श्रद्धालुओं को रोकेंगे, पैदल रवाना हुए जातरूओं से भी होगी समझाइश
जैसलमेर। पश्चिमी राजस्थान के महाकुंभ कहलाए जाने वाले विख्यात बाबा रामदेव (रामसा पीर) मेले को स्थगित कर दिया गया है। 10 दिन के लिए मंदिर के पट बंद करने का निर्णय लिया है। कोरोना की वजह से तीसरी बार मेला स्थगित किया गया था। अब बाबा रामदेव समाधि समिति ने 7 सितंबर से 17 सितंबर तक श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक लगा दी है।
दरअसल, हर साल भादवे में बाबा रामदेव मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। सबसे ज्यादा भीड़ भादवे की दूज और दशम पर होती है। राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। ऐसे में इन राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने के लिए भी प्रशासन की ओर से इन राज्यों के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना भेजी जा रही है।
गौरतलब है कि मेले को स्थगित करने के कारण दो वर्षों में व्यापारियों को 200 करोड़ का नुकसान हो चुका है। ऐसे में रामदेवरा वासियों और दुकानदारों को इस साल होने वाले बाबा रामदेव के भादवा मेले से पूरी उम्मीद थी। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है। एक आदेश जारी करते हुए भादवे की दूज से आयोजित होने वाले विश्वप्रसिद्ध मेले को स्थगित कर दिया है। साथ ही भादवे में 10 दिन दर्शन भी बंद रहेंगे।
ऑनलाइन करवाएंगे दर्शन
कलेक्टर आशीष मोदी ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर ही यह निर्णय लिया गया है। जिला प्रशासन बाबा रामदेव की आरती को ऑनलाइन दिखाने की व्यवस्था करने का विचार कर रहा है। हम यू-ट्यूब चैनल बाबा के नाम से बनाएंगे। इस चैनल पर दिनभर बाबा रामदेव के मंदिर में होने वाली आरती का सीधा प्रसारण कर सकें, ताकि देश-दुनिया में घर बैठे श्रद्धालु आरती का हिस्सा बन सकें।
पैदल रवाना हुए जातरूओं से करेंगे समझाइश
बाबा रामदेव के दर्शन करने के लिए राजस्थान समेत महाराष्ट्र, गुजरात और एमपी से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल आते हैं। पैदल जातरू (श्रद्धालु) रवाना भी हो चुके हैं। इनके लिए जगह-जगह भंडारे भी लग रहे हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। पोकरण एसडीएम राजेश विश्नोई ने बताया कि इसके लिए पुलिस की मदद ली जाएगी। पैदल रवाना हुए जातरूओं से समझाइश कर उन्हें वापस घर भेजने की कोशिश की जाएगी।
दुकानदारों को इस साल थी उम्मीद
बाबा रामदेव के मेले को लेकर दुकानदारों ने अपनी तैयारियां भी पूरी कर ली थीं। रामदेवरा में एक बार फिर से चमक नजर आने लगी थी, लेकिन प्रशासन के फैसले के साथ ही लोगों की उम्मीदें चकनाचूर हो गई हैं। हर साल इस मेले में 50 लाख के करीब श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन मेले को स्थगित करने के आदेश का असर रामदेवरा में निवास करने वाले लगभग 8 हजार लोगों पर पड़ेगा।
रामदेवरा में लगभग 8 हजार परिवार निवास करते हैं, इनकी आय का मात्र एक साधन बाबा रामदेव की समाधि है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों के कारण 8 हजार परिवारों के घरों में चूल्हा जलता है। कोरोना महामारी के दौर में दो बार लगातार मेला स्थगित करने के कारण रामदेवरा में लोगों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से लड़खड़ा गई थी। कई लोगों को यहां से पलायन भी करना पड़ा। इस बार कोरोना का असर कम होने के कारण ग्रामीणों को बाबा रामदेव के मेले से उम्मीद थी, लेकिन प्रशासन द्वारा बाबा रामदेव के मेले को स्थगित करने के आदेश देने के साथ ही लोगों पर आर्थिक संकट गहराने लगा है।