Health News: बहुत से लोग मीठे के इतने शौक़ीन हैं कि उन्हें इसके साइड इफेक्ट्स की भी परवाह नहीं होती। इन्हे मिठास के बिना खाने-पीने की सभी चीज़ें बेस्वाद लगती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि चीनी की जगह देसी खांड का इस्तेमाल इसका विकल्प बन सकता है।
Health News: बहुत से लोग मीठे के इतने शौक़ीन हैं कि उन्हें इसके साइड इफेक्ट्स की भी परवाह नहीं होती। इन्हे मिठास के बिना खाने-पीने की सभी चीज़ें बेस्वाद लगती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि चीनी की जगह देसी खांड का इस्तेमाल इसका विकल्प बन सकता है। गुड़िया शक्कर के इस्तेमाल से सेहतमंद भी बने रहेंगे। आइए जानते हैं देशी खांड के बेनिफिट्स के बारे में…
देसी खांड गन्ने के रस से बनती है और चीनी भी उससे ही बनती है। लेकिन चीनी को बहुत बार रिफाइन किया जाता है जिससे उसमें मौजूद फाइबर और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। खांड गन्ने के साधारण रिफाइंड रूप है। गन्ने के रस से पहली स्टेज में खांड तैयार किया जाता है, यह पोषक तत्वों से भरा होता है। खांड को तैयार करने में किसी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। यह शरीर को ठंडक प्रदान करती है। देशी खांड में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं।
गुड़िया शक्कर
पुराने समय से ही लोग इसे खांड या गुड़िया शक्कर के नाम से बोलते है। चीनी आ जाने के बाद इसका इस्तेमाल बंद कर दिया है। गन्ने के रस को गर्म करके पलटे सहायता से घुमाया जाता है। इसे पानी और दूध से साफ किया जाता है। इस तरह खांड भूरे रंग के पाउडर के रूप में तैयार हो जाता है।
खांड को खाने का तरीका
गांवों में लोग इसे भोजन में घी के साथ खाते हैं। रोटी के ऊपर खांड और घी को मिलाकर खा सकते हैं। मीठे के शौक़ीन चीनी की जगह खांड का उपयोग डेढ़ गुना तक कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप चाय में 1 टीस्पून चीनी डालते हैं तो खांड को तकरीबन 1.5 टीस्पून यूज करें। खांड को आप किसी भी मौसम में खा सकते हैं। लेकिन खांड गर्मियों में खाइ जाए तो शरीर में ठंडक बनी रहती है।