Chardham Yatra: पर्यटन विभाग जल्द जारी करेगा SOP, जानिए कितनी होगी श्रद्धालुओं की संख्या

एक जुलाई से स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए शुरू होगी चारधाम यात्रा, सरकार ने रखी ये शर्तें

नई दिल्ली। उत्तराखंड ( Uttarakhand ) सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान कर दिया कि 1 जुलाई से चारधाम यात्रा ( Chardham Yatra ) को आंशिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा। कोरोना महामारी के बीच उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन पटरी पर लाने के लिए मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इसको लेकर मंजूरी दे दी है। हालांकि हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब कुछ बदलाव किया जाएगा।

इसके तहत फिलहाल कुछ जिलों के लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति रहेगी। लेकिन इस फैसले के बाद से ही फिर तीरथ सरकार विवादों में फंसती दिखाई दे रही है। जिस फैसले पर सरकार ने मुहर लगाई है, उसको लेकर नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को काफी लताड़ पड़ी है।

जल्द जारी होगी एसओपी
कोरोना काल के चलते जल्द ही पर्यटन विभाग की ओर से मानक प्रचालन विधि ( SOP ) जारी की जाएगी। वहीं, चारधामों में यात्री सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए पांच दिन बाकी हैं।

यात्रा के दौरान कोविड नियम रहेंगे लागू
यात्रा के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए व्यवस्थाएं और कोविड नियम लागू रहेंगे। सभी श्रद्धालुओं के लिए कोविड की आरटी-पीसीआर या एंटीजन रैपिड जांच रिपोर्ट जरूरी होगी।

चारों धाम के लिए अलग-अलग श्रद्धालुओं की संख्या तय
भीड़भाड़ को कम करने के लिए चारधामों में प्रतिदिन दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या सीमित रहेगी। इसमें बदरीनाथ धाम में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 लोगों को देवस्थानम बोर्ड की ओर से अनुमति दी जा सकती है।

व्यवस्थाओं को दिया जा रहा अंतिम रूप
कोरोना संक्रमण को देखते हुए यात्रा सीमित संख्या में होगी। चारधामों में संबंधित विभागों के माध्यम से यात्रियों की सुविधाओं के लिए व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने और देवस्थानम बोर्ड और जिला प्रशासन से समन्वय के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो कोविड से संबंधित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने के लिए निगरानी का कार्य भी करेगा।

11 जुलाई पूरे राज्य के लोग कर सकेंगे दर्शन
चारधाम यात्रा पूरे प्रदेश के निवासियों के लिए पूर्व निर्धारित योजना के मुताबिक 11 जुलाई से शुरू होगी। हालांकि इसका अंतिम फैसला कोविड की स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
कोविड की तीसरी लहर और वायरस के डेल्टा प्रकार की आशंका है। ऐसे में कोई फैसला लेने से पहले सभी स्थितियों पर गौर किया जाएगा।

हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
हाई कोर्ट ने सरकार से चारधाम यात्रा को लेकर कई सवाल पूछे। साथ ही कुंभ से लेकर अनेक आयोजनों से देश में फैले कोरोना का भी उदाहरण सामने रखा था। डेल्टा के नए वेरिएंट पर भी चिंता जाहिर की गई।

ऐसे में कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि ऐसी परिस्थितियों में चारधाम यात्रा का शुरू होना कहा तक उचित है? कोर्ट के इन सवालों के बीच शुक्रवार को तीरथ सरकार ने चारधाम यात्रा को हरी झंडी दे दी। हालांकि अब इनमें कुछ बदलाव और सख्ती बढ़ाया जाएगा।

चार धाम यात्रा प्रमुख जगह
चार धाम यात्रा को पूरा करने का मार्ग की बात करें तो हरिद्वार, ऋषीकेश, बरकोट, जानकी चट्टी, यमुनोत्री, उत्तरकाशी, हरसिल, गंगोत्री, घनसाली, अगस्तमुनि, गुप्तकाशी, केदारनाथ, चमोली गोपेश्वर, गोविन्द घाट, बद्रीनाथ, जोशीमठ शामिल हैं।

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